रामपुर: भाकियू कार्यालय खाली नहीं करा सका प्रशासन, भड़के किसान

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Published By Vikas Babu
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डीसीडीएफ की इमारत में है चल रहे कार्यालय पर कब्जा लेने की कोशिश में अफसरों के पसीने छूटे, पुलिस ने जिलाध्यक्ष को उठाया उग्र हुए किसान 

रामपुर, अमृत विचार। सिविल लाइंस स्थित भारतीय किसान यूनियन कार्यालय को खाली कराने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस को देखकर किसान भड़क उठे और जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। देर शाम पुलिस ने भाकियू के जिलाध्यक्ष हसीब अहमद को गाड़ी में बैठा लिया लेकिन, किसानों के पुलिस की गाड़ी के आगे बैठने पर जिलाध्यक्ष को जीप से उतार दिया गया।

इससे पहले डाकघर और गांधी आश्रम को प्रशासन ने खाली कराकर सील करा दिया। प्रशासनिक स्तर से हुई कार्रवाई से दुकानदारों में हड़कंप मच गया।

हाईवे स्थित डीसीडीएफ की इमारत जर्जर हो चुकी है लेकिन, इसके दुकानों और फ्लैट पर लोग कब्जे किए हुए हैं। डीसीडीएफ की इमारत से कब्जों को हटवाने के लिए एआर कोआपरेटिव डा. गणेश गुप्ता के नेतृत्व में बुधवार को अपराह्न करीब 2:30 बजे टीम पहुंची।

भारी मात्रा में पुलिस फोर्स के पहुंचने पर दुकानदारों में हड़कंप मच गया। सीओ सिटी अनुज चौधरी, एसडीएम सदर निरंकार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट सत्यम मिश्रा भी मौके पर पहुंच गए। गांधी आश्रम के स्टोर का सामान सड़क किनारे रखवा दिया गया इसके साथ ही उप डाकघर का सामान निकलवाकर उसे सील कर दिया।

इसके अलावा प्रमोद कुमार अग्रवाल, शोभा गुप्ता पत्नी नरेश गुप्ता की दुकानें खाली कराई गईं। इसके अलावा जयदीप बरार, हरप्रीत भाटिया का फ्लैट खाली कराया गया। लेकिन, शाम को करीब 3:35 बजे जैसे ही प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस भारतीय किसान यूनियन के कब्जे में फ्लैट को खाली कराने के लिए आगे बढ़े भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष हसीब अहमद समेत तमाम किसान फ्लैट खाली नहीं करने की बात पर अड़ गए।

जिलाध्यक्ष हसीब अहमद ने कहा कि किसानों के लिए यह फ्लैट पूर्व विधायक ज्ञानी हरज्ञान सिंह ने भाकियू के पूर्व जिलाध्यक्ष हबीब अहमद को 35 वर्ष पूर्व दिया था। जबसे यह फ्लैट किसानों के जिला कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। कहा कि यह किसानों के लिए है और किसानों के लिए रहेगा।

जबकि, सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम सदर निरंकार सिंह ने जिलाध्यक्ष से कहा कि उनके पास कोई विधिक कागज हो तो दिखाएं अन्यथा कार्यालय को खाली कर दें। लेकिन, किसान भड़क गए और दो टूक कहा कि किसान भाकियू कार्यालय को खाली नहीं करेंगे।

देर शाम करीब 7:27 बजे पुलिस ने भाकियू के जिलाध्यक्ष हसीब अहमद को गाड़ी में बैठा लिया लेकिन, तभी तमाम किसान पुलिस की गाड़ी के सामने बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों के तल्ख तेवर देख पुलिस ने भाकियू जिलाध्यक्ष को गाड़ी से उतार दिया इसके बाद किसान कार्यालय में गेट बंद कर बैठ गए जबकि, भाकियू कार्यालय के आसपास फोर्स बढ़ने लगी है।

धरना प्रदर्शन करने वालों में मोहम्मद मुस्तकीम, इरशाद अली, लखविंदर सिंह लक्खा, चौधरी राजपाल सिंह, राहत खां, सुभाष चंद्र शर्मा, दानिश अली, सलीम अहमद, धर्मेश पांडेय, जावेद आलम, मोहम्मद यामीन, धर्मेश सिंह, अजय पाल सिंह, शुभम लाठी समेत सैकड़ों की संख्या में किसान प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।

राकेश टिकैट ने फोन पर चेताया- ‘पूरे प्रदेश में चक्काजाम कर देंगे’ 
भाकियू के प्रदेश कैंप कार्यालय को जबरन खाली कराने की प्रशासन की कोशिशों के बावत जिलाध्यक्ष हसीब अहमद ने भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत से बातचीत की और मोबाइल का स्पीकर खोलकर उनकी आवाज प्रशासनिक अधिकारियों को सुनवाई। राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन किसानों को आजम खां नहीं समझे यदि भाकियू कार्यालय की ओर आंख उठाकर देखा तो किसान प्रदेश भर में चक्का जाम कर देंगे। 

भाकियू कार्यालय के बनवा लेते कागज : चौहान
डीसीडीएफ के चेयरमैन शांति लाल चौहान ने मौके पर भाकियू के जिलाध्यक्ष से कहा कि वह लंबे समय से कह रहे हैं कि भाकियू कार्यालय के लिए कागज बनवा लो लेकिन, उनकी किसी ने नहीं सुनी। मौके पर मौजूद किसान बोले कि अभी कागज बना दीजिए लेकिन, शांति लाल चौहान ने कहा कि मैं तो चार साल से कह रहा हूं। किसान बोले कि कंडम इमारत के कागज कैसे बन सकते हैं। किसानों ने कहा डीसीडीएफ के इस फ्लैट को खाली नहीं करेंगे। चेयरमैन ने कहा कि डीसीडीएफ की 25 संपत्तियों पर मुकदमें चल रहे हैं।

घनघनाता रहा जिलाधिकारी का फोन  
पुलिस और प्रशासन ने भाकियू का कार्यालय घेर लिया था और भाकियू जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को एक किसान के फोन से पूरा घटनाक्रम बता रहे थे, शाम करीब 4:35 बजे उनके फोन पर जिलाधिकारी का फोन घनघनाने लगा। प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने अलग में जिलाध्यक्ष को समझाने का काफी प्रयास किया।

मुरादाबाद, संभल और आसपास के जिलों से पहुंचने लगे किसान
भाकियू कार्यालय को खाली कराने के लिए प्रशासनिक कार्रवाई की सूचना पाकर मुरादाबाद, संभल समेत आसपास के जिलों से किसानों ने रामपुर की ओर कूच कर दिया है। भाकियू के मीडिया प्रभारी मोहम्मद मुस्तकीम ने बताया कि मुरादाबाद और चंदौसी से काफी किसान रामपुर पहुंच चुके हैं। करीब 22-24 ट्रालियां रास्ते में हैं।

सपा सरकार में भी इमारत को खाली कराने की हो चुकी है कवायद
सपा सरकार में आजम खां के नगर विकास मंत्री रहते वर्ष 2015-16 में डीसीडीएफ की इमारत को खाली कराए जाने की कवायद हो चुकी है। कई दुकानों को खाली करा दिया गया था लेकिन, इसके बाद लोगों ने कोर्ट का हवाला देते हुए दोबारा कब्जा कर लिया। 

डीसीडीएफ की इमारत के फ्लैट में स्थित अवैध कब्जाधारकों को नोटिस जारी कर दिया गया है। सात लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं जिसमें उप डाकघर और गांधी आश्रम के स्टोर को खाली कराकर सील करा दिया गया है। भाकियू कार्यालय खाली करने के लिए किसानों ने समय मांगा है---डा. गणेश गुप्ता, एआर को-आपरेटिव

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