मुरादाबाद : बैडमिंटन कोर्ट अधर में, खिलाड़ियों को गुरु द्रोणाचार्य की तलाश

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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अलविदा 2022 : स्मार्ट सिटी मिशन से हो रहा बैडमिंटन कोर्ट का जीर्णोद्धार, हाकी, हैंडबाल, एथलेटिक्स, खो-खो के नहीं हैं कोच 

मुरादाबाद,अमृत विचार। स्मार्ट सिटी मिशन लिमिटेड के अन्तर्गत पांच करोड़ रुपये से अधिक की लागत से नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्पोर्ट्स स्टेडियम में बैडमिंटन कोर्ट के जीर्णोद्धार का कार्य इस साल अधर में रह गया। अब नये साल में दो-तीन महीने में इसके पूरा होने की आस है। इस कोर्ट के जीर्णोद्धार में अधिक वक्त लगने से खिलाड़ियों को दूसरे हाल में अभ्यास करना पड़ा है। वहीं कई खेलों में खिलाड़ियों को पारंगत होने के लिए द्रोणाचार्य की तलाश है। 

नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्पोर्ट्स स्टेडियम में खेलों के उत्थान के लिए गंभीर प्रयास न होने से खिलाड़ियों में मायूसी है। कई खेलों में कोच न होने से खिलाड़ी दक्ष नहीं हो पा रहे हैं। पिछले दिनों राज्य स्तरीय महिला हैंडबाल प्रतियोगिता में मेजबान टीम की बेटियों को लगातार तीन करारी शिकस्त के बाद प्रतियोगिता से अपनी ही जमीन पर बाहर हो जाना पड़ा था, जबकि लखनऊ की टीम ने खिताबी जीत दर्ज कर प्रतियोगिता अपने नाम कर ली थी। इससे महिला हैंडबाल की खिलाड़ियों का मनोबल टूटा। 

स्टेडियम में सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए स्मार्ट सिटी मिशन लिमिटेड के फंड से 5 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से छह महीने से जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है। इसके अलावा प्रशासनिक भवन का जीर्णोद्धार भी हो रहा है। उम्मीद थी दिसंबर तक यह कार्य पूरा हो जाएगा। लेकिन, कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ (पैक्सफेड) की शिथिल कार्यशैली से अभी काम पूरा होने में नये साल में फरवरी-मार्च तक का समय लग सकता है। बैंडमिंटन कोर्ट के जीर्णोद्धार कार्य में अभी फाल्स सीलिंग, वूडेन कार्य और इसके बाद इसकी फिनिशिंग आदि शेष है।

इन खेलों में नहीं हैं कोच
स्टेडियम में हाकी, हैंडबाल, एथलेटिक्स, खो-खो के कोच न होने से खिलाड़ी अर्जुन नहीं बन पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें द्रोणाचार्य की शिक्षा-दीक्षा नहीं मिल रही है। बिना कोच के खिलाड़ी वरिष्ठ साथियों के सहारे जिला, मंडल, राज्य स्तर की प्रतियोगिता में उतरते हैं, तो कई बार अपने बूते जीत जाते हैं तो अक्सर हार का मुंह भी देखना पड़ता है। 

स्टेडियम ने दिए हैं नामी खिलाड़ी 
इस स्टेडियम में खेलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर पीयूष चावला, मोहम्मद शमी आदि ने राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय फलक पर जिले, राज्य का नाम गौरवान्वित किया है। इन्हें आदर्श मानकर दूसरे खिलाड़ी भी पारंगत होना चाहते हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी उनके पांव की बेड़ियां बन रही हैं। 

स्मार्ट सिटी मिशन लिमिटेड की ओर से बैडमिंटन कोर्ट का जीर्णोद्धार पांच करोड़ रुपये से अधिक से कराए जा रहे हैं। कार्य दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन फाल्स सीलिंग, वूडेन कार्य अधूरे हैं। फरवरी-मार्च में यह पूरा होने की उम्मीद है। जहां तक कोच की बात है बाक्सिंग और एथलेटिक्स में नये कोच की तैनाती हुई है। जल्द ही वह प्रशिक्षण देंगे। -प्रेम कुमार, जिला क्रीड़ा अधिकारी

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