मुरादाबाद : हाईवे के पुलों को रोशन करना भूल गए जिम्मेदार...घना कोहरा और वाहनों की तेज गति से यहां हादसा होना आम बात
संभल फाटक पुल के खंभे तक हो गए गायब
विशाल नायक 'अंशुल', अमृत विचार। शहर और सड़क को रोशनी से जगमगाने के दावों को महानगर क्षेत्र के पुल आइना दिखा रहे हैं। शहर और आसपास के हाई-वे पर बने पुल को रोशनी का इंतजार है। अंधेरे में इन पुलों से गुजरने वालों को डर का सामना यहां आम बात है। सर्दी और घना कोहरा के मौसम में इन पुलों से आना-जाना खतरनाक बना हुआ है। जी, हम बात कर रहे हैं हाई-वे पर रामपुर रोड के प्रेम वंडरलैंड के सामने बने पुल, प्रभात मार्केट क्षेत्र के उपरिगामी सेतु, संभल फाटक पुल, रामगंगा के चट्टा पुल और सोनकपुर पुल की।
रामपुर दोराहा का पुल सात जून 2013 को जनता के हवाले हुआ था। इसका लोकार्पण तत्कालीन मंत्री शिवपाल यादव ने किया था। यह पुल शहर को रामपुर बरेली व उत्तराखंड से जोड़ता है। इस पर लगी लाइटें खराब हैं। घना कोहरा होने के कारण यहां से गुजरने वाले वाहनों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। आधे से ज्यादा प्रकाश बिंदु खराब हैं। कहीं का खंभा ही टूटा पड़ा है। प्रभात मार्केट और हनुमान मूर्ति के बीच के पुल पर प्रभात मार्केट की ओर से हनुमान मूर्ति की ओर जाने वाली साइट पर ही लाइटें लगी हैं।
हनुमान मूर्ति से प्रभात मार्केट दिशा की ओर एक भी लाइट नहीं लगी है। कोहरे के कारण यदि कोई हादसा हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? संभल फाटक का पुल 20 दिसंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जनता को समर्पित किया था। इस पुल की लंबाई 550.90 मीटर है। यह 15. 20 करोड़ की लागत से बना है। लेकिन, इस पर प्रकाश की व्यवस्था बिल्कुल चौपट है। पुल की 26 लाइटों में 10 बिंदु खराब हैं। तीन खंभे ही गायब हैं। जबकि कॉसमॉस हॉस्पिटल के पीछे वाला चट्टा पुल 20 दिसंबर 2016 को जनता के हवाले हुआ था। इसकी लंबाई 638.12 मीटर है। पुल निर्माण पर 33.42 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
छह साल बाद भी तक पुल पर प्रकाश की व्यवस्था नहीं की गई है। अभी हाल ही में कोहरा आने के कारण एडीजी कार्यालय में तैनात सिपाही की गाड़ी पलट गई थी, जिससे वह घायल हो गया था। सोनकपुर पुल का 30 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए उद्घाटन किया यह पुल 160 करोड़ की लागत से बना है। इस पर भी अभी तक एक भी लाइट नहीं लगी है। शायद प्रशासन को किसी घटना का इंतजार है।
ये भी पढ़ें : मुरादाबाद : अप्रशिक्षित हाथों में बहुमंजिला इमारतों की सुरक्षा की कमान, खतरे में लोगों की जान
