मुरादाबाद : हत्या में दो सगे भाइयों समेत तीन को आजीवन कारावास

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Published By Bhawna
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सजा : मुकदमे में गवाही देने पर गोली मारकर की थी युवक की हत्या, अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 30 30,000 रुपये जुर्माना भी किया

मुरादाबाद, अमृत विचार। अदालत ने करीब 19 साल पुराने हत्या के मामले में दो सगे भाइयों समेत तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही प्रत्येक दोषी पर 30-30,000 रुपये जुर्माना भी किया। 

बिलारी थाना क्षेत्र के गांव तेवर खास निवासी अतीक ने दो जून 2003 को मुकदमा दर्ज कराया था। अतीक ने बताया था कि वह अपने बड़े भाई रफैउद्दीन के साथ घर की छत पर सो रहा था। करीब ढाई बजे गांव के ही रहने वाले बाबू टपार, रौनक, उसका भाई कासम और गुलजार दीवार के सहारे सीढ़ी लगा कर छत पर आ गए। आरोपियों ने आते ही कहा कि रफैउद्दीन हमारे खिलाफ गवाही दे रहा है, आज इसे खत्म कर देंगे। देखते ही देखते इन लोगों ने सो रहे रफैउद्दीन को तमंचे गोलियां मार दीं। फायर की आवाज सुनकर अतीक के बड़े भाई मतीन, पत्नी कैसर जहां और पड़ोसी हुसैन बक्श तथा मटरू भी मौके पर आ गए। इन्हें देखकर हत्यारोपी वहां से भाग गए। रफैउद्दीन की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम अरविंद कुमार सिंह द्वितीय की अदालत में चली।


सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ब्रजराज सिंह ने बताया कि मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपी बाबू टापर की मौत हो गई थी। मुकदमे में 18 गवाहों ने अदालत में बयान दर्ज कराए। सभी गवाहों ने अपने बयानों में घटना की पुष्टि की। पड़ोसी हुसैन बक्श और मटरू ने पूरी घटना को विस्तार से उजागर किया। अदालत ने पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर तीनों आरोपियों को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही प्रत्येक पर 30-30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

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