जशपुर को कुपोषणमुक्त करने के लिए विशेष अभियान, प्रशासन का दावा  कार्य की लगातार सतत निगरानी से आर रहे अच्छे परिणाम

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
On

पत्थलगांव। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कुपोषण की जटिल समस्या वाले 50 गांवों को चिन्हित कर बच्चों को सुपोषित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। प्रशासन का दावा है कि इन ग्राम पंचायत के सरपंचों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के कार्य की लगातार सतत निगरानी रखने से अब अच्छे परिणाम सामने आए हैं।

कलेक्टर रवि मित्तल ने आज यूनीवार्ता को बताया कि इस अभियान से जिले में कुपोषण दर में लगातार गिरावट देखी जा रही है। साल 2021 में कुपोषण दर 23.71 फीसदी थी, जो अब घटकर 19.57 फीसदी पर आ गई है। उन्होंने बताया कि जिले के दूरस्थ गांवों में रहने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर, पहाड़ी कोरवा गांव के मोहल्लों में कुपोषण की शिकायत मिलने पर वहां हर सप्ताह चौपाल लगाई गई तथा पीड़ित बच्चों को नियमित पौष्टिक भोजन देना शुरू किया।

इस कार्य से बदलाव आया है। विशेष अभियान में पोषण आहार में रेडी टू ईट, हरी सागसब्जी, दालभात और अंडा दिया जा रहा है। कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण आहार तथा गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी केंद्र में रखकर सघन देखरेख शुरू की गई है।

कलेक्टर ने बताया कि जिले के 50 चिन्हांकित गांव के जिला स्तरीय अधिकारी भ्रमण करके पंच, सरपंच, जनप्रतिनिधियों और पालकों से चर्चा करके कुपोषण को दूर करने के संबंध में जानकारी दे रहे हैं। सभी केंद्र में बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए भी समझाइश दी जा रही है। 

ये भी पढ़ें : संतोख चौधरी के निधन के चलते कांग्रेस ने 24 घंटे के लिए रोकी ‘भारत जोड़ो यात्रा’

संबंधित समाचार