मदुरै के पलामेडु में जल्लीकट्टू का दूसरा आयोजन शुरू, घायलों की संख्या में वृद्धि 

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Published By Vishal Singh
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मदुरै (तमिलनाडु)। मदुरै के अवनियापुरम में रविवार को आयोजित जल्लीकट्टू खेल के दौरान सांडों को काबू करने वालों और सांड मालिकों सहित कम से कम 75 लोग घायल हो गए। इसके अलावा सोमवार को पलामेडु में शुरू हुए कार्यक्रम में भी 18 लोग घायल हुए हैं। 

हालांकि, चोट लगने के बाद भी सांडों को काबू करने वालों के उत्साह में कोई कमीं नहीं दिखी। वे नए जोश के साथ फिर से सांडों को काबू करने में जुट गए। पलामेडु में अखाड़े से बाहर निकल रहे एक सांड मालिक ने सांड के हमले से बचने के लिए प्लास्टिक की कुर्सी का सहारा लिया। 

इस दौरान एक युवा व्यक्ति सांड को काबू करने में चूक गया जिसके बाद मालिक ने सांड पर कुर्सी से हमला कर दिया, लेकिन कुर्सी ही टूट गई। हालांकि इस दौरान मालिक खुद को सांड के नुकीले सींगों से बचाने में सफल रहा। जल्लीकट्टू, पलामेडु जिले की बहुत ही चर्चित प्रतियोगिता है। वहीं, एक अन्य घटना में सांड को काबू कर रहे 10 युवकों को सांड ने उछाल दिया। सभी युवा सांड के कुबड़ को पकड़ने के लिए उसके पास पहुंचे थे लेकिन ताकतवर सांड ने गुस्से में अपने सिर को हिलाकर सभी को इधर-उधर फेंक दिया और पकड़े जाने से बच गया। 

इसके बाद सांड को विजेता घोषित कर दिया गया जिसके मालिक को पुरस्कार के रूप में चार ग्राम सोना मिला। पलामेडु में जल्लीकट्टू खेल का आयोजन मवेशियों को समर्पित मट्टू पोंगल के दिन किया गया। खेल के दौरान कड़ा मुकाबला देखने को मिला। हालांकि इस दौरान कम से कम 18 लोग घायल हो गए जिनका प्राथमिक उपचार मौके पर ही किया गया। 

वर्ष 2023 में पोंगल सत्र का पहला जल्लीकट्टू रविवार को अवनियापुरम में फसल उत्सव के पहले दिन आयोजित हुआ, जिसमें करीब 75 लोग घायल हो गए। अधिकारियों के मुताबिक प्रशासन द्वारा लगभग 20 घायलों को मौके पर ही उन्नत जीवनरक्षक सहायता प्रदान की गई। अवनियापुरम में प्रतियोगिता में 737 सांडों को छोड़ा गया, जिसमें सांड काबू करने वाले 257 लोगों की भागीदारी देखी गई। संबंधित सभी सांडों का कोविड रोधी टीकाकरण किया जा चुका है और सभी की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव थी। 

पलामेडु के वादीवसल (प्रवेश बिंदु) से आज लगभग 800 सांड छोड़े जाएंगे, जिसमें सांड काबू करने वाले 335 लोग भाग ले रहे हैं। राज्य के वाणिज्यिक कर मंत्री पी मूर्ति ने जल्लीकट्टू के आयोजन को झंडी दिखाकर शुरू किया। इस अवसर पर मदुरै के जिलाधिकारी एस अनीश शेखर भी उपस्थित थे। इस खेल के दौरान जैसे ही सांडों को अखाड़े में छोड़ा गया, वैसे ही उन्हें काबू करने वाले लोगों में होड़ मच गई। सांडों के द्वारा बार-बार फेंके जाने के बाद भी पुरुषों ने हार नहीं मानी। 

इस दौरान सांडों और सांड को काबू करने वाले दृढ़ निश्चयी लोगों का संघर्ष देखने को मिला तथा इस वजह से पलामेडु ने पोंगल जल्लीकट्टू के उत्साह को बनाए रखा। खेल के दौरान जिन सांडों को काबू नहीं किया जा सका, उन्हें विजेता घोषित कर दिया गया। जल्लीकट्टू के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए। अब 17 जनवरी को जिले के अलंगनल्लूर में इस पारंपरिक खेल आयोजन किया जाएगा।

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