सफेद बाघ सफारी गया तो कभी नहीं देख पाएंगे कानपुरवासी, ढाई साल से अस्पताल के पिंजड़े में कैद है खूबसूरत बाघ

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Published By Kanpur Digital
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कानपुर चिड़ियाघर में दर्शकों से मिले बगैर तिरुपति चला जाएगा बाघ लव।

कानपुर चिड़ियाघर में दर्शकों से मिले बगैर तिरुपति चला जाएगा बाघ लव। ढाई साल से अस्पताल के पिंजड़े में खूबसूरत बाघ कैद है। 2020 में चंडीगढ़ से लाया गया था।

कानपुर, अमृत विचार। खूबसूरत दिखने वाला बाघ लव दर्शकों से मिले बगैर ही तिरुपति जाएगा। प्रदेश के सबसे बड़े चिड़ियाघर प्रशासन की उसको आंध्र प्रदेश के इस शहर के चिड़ियाघर में भेजने की तैयारी चल रही है। लव पिछले ढाई साल से अस्पताल के पिंजड़े में ही रह रहा है। लव को तिरुपति स्थित जू भेजने का प्रस्ताव सेंट्रल जू अथारिटी (सीजेडए) प्रस्ताव को भेज दिया गया है। जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी।

वर्ष 2020 में लव को चंडीगढ़ चिड़ियाघर से लाया गया था। लव की उम्र नौ वर्ष है और जब से वह लाया गया है, उसे चिड़ियाघर के पशु चिकित्सालय में ही रखा गया है। लव के साथ पीलीभीत जंगल से रेस्क्यू किए गए एक बाघ और बाघिन भी अस्पताल में ही हैं। इन तीनों बाघों के लिए चिड़ियाघर में पिछले एक साल पहले से बाड़ा तैयार किया गया था, लेकिन अब तक उसका उद्घाटन नहीं हो सका है।

इस वजह से तीनों को वहां शिफ्ट नहीं किया जा सका है। लव के बारे में बताया जाता है कि वह अपने अंदाज से दर्शकों को बहुत जल्दी लुभा लेता है। बाड़े में उसे देखकर दर्शक बहुत ज्यादा रोमांचित हो सकते थे। इसीलिए जू प्रशासन भी उसे जल्द ही दर्शकों के सामने लाने के प्रयास में लगा था।

करीब एक साल पहले नए बाड़े को बनाना शुरू किया गया था, जो कि तीन महीने पहले बनकर तैयार हो चुका है। लेकिन उसके उद्घाटन का अब तक मुहुर्त नहीं निकल पाने के कारण अब ये बाघ दर्शकों के सामने आने से पहले ही दूसरे प्रदेश जा सकता है।

प्रदेश के सबसे बड़े चिड़ियाघर दो सफेद बाघ हैं। इसमें एक मादा और एक नर है। बाघिन दर्शकों के लिए बाड़े में पहले से ही है, लेकिन लव पिंजड़े में कैद हैं। उसे तिरुपति भेजने की तैयारी की बड़ी वजह सफेद बाघों का कुनबा नहीं बढ़ पाना है। दरअसल, प्रजनन में लव बाघ फिट नहीं है।

 

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