बहराइच में वनकर्मियों पर बेअसर है CM का अधिकार पत्र और DM का आदेश, जानिये पूरा मामला

गांव के विकास में बाधा डाल रहा वन विभाग  

बहराइच में वनकर्मियों पर बेअसर है CM का अधिकार पत्र और DM का आदेश, जानिये पूरा मामला

बिछिया/ बहराइच, अमृत विचार। नव सृजित राजस्व ग्राम भवानीपुर के वासिंदों को मुख्यमंत्री ने अधिकार पत्र जारी किया है डीएम ने भी गांव के राजस्व ग्राम होने की घोषणा की है लेकिन वन विभाग भवानीपुर को अभी भी वन ग्राम ही मान रहा है। निर्माण के लिए मंगाई जा रही ईंटो को वनकर्मी ले जाने से रोक रहे हैं। इस हठधर्मिता के चलते ग्रामीणों में व वन कर्मियों में टकराहट की संभावना बढ़ गई है।  

तहसील मिहीपुरवा अंतर्गत ग्राम आम्बा के नवसृजित राजस्व ग्राम भवानीपुर के निवासी पुत्ती लाल ने अपने मकान के निर्माण के लिए ट्रैक्टर ट्राली से ईंट मंगवाया था लेकिन वन कर्मियों ने उसे बैरियर पर रोक लिया। वन दरोगा पवन शुक्ला ने कहा कि विभागीय अधिकारियों ने कहा है कि भवानीपुर अभी वनग्राम है राजस्व ग्राम नहीं हुआ है जिसके चलते यहां पर पक्का निर्माण नही किया जा सकता है। वन विभाग के द्वारा इस कार्यवाही तथा ट्राली रोके जाने पर ग्राम वासियों ने कहा कि 28 दिसंबर 2012 को तत्कालीन जिला अधिकारी किंजल सिंह के द्वारा दिए गए अधिकार पत्र जिन पर प्रभागीय वन अधिकारी कतर्नियाघाट के हस्ताक्षर भी मौजूद हैं। क्या वह फर्जी हैं। वहीं 8 जनवरी 2022 को वर्तमान जिला अधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र ने सांसद अक्षयबर लाल गौड़ की मौजूदगी में वन ग्रामों के राजस्व ग्राम में परिवर्तन की घोषणा की थी। 15 नवंबर 2022 को सोनभद्र में मुख्यमंत्री ने भवानीपुर निवासी पुत्ती लाल, माता प्रसाद, मनीराम तथा जगदीश को अधिकार पत्र भी अपने हाथों से दिया था। ऐसे में वन विभाग की इस कार्यशैली से ग्रामीणों में आक्रोश की स्थिति बनी हुई है।

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चूल्हा बंदी आंदोलन की तैयारी
वन अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने कहा कि वन कर्मियों की है कार्यशैली निंदा जनक है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के बयान आने तक चूल्हा बंदी आंदोलन करेंगे। वन विभाग के द्वारा की गई इस कार्यवाही का जवाब देने के लिए वन अधिकार आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ता पूरी तैयारी में जुटे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने कहा कि एक ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व जिला अधिकारी डॉ दिनेश चंद्र वन निवासियों के जीवन को राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं तो दूसरी ओर वन विभाग वन क्षेत्र में अशांति पैदा कर रहा है। इस मुद्दे का निराकरण कराने के लिए वह वननिवासियों के साथ मुख्यमंत्री के समक्ष जाएंगे।

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