ढोल-नगाड़े की धुन पर थिरके पांव... चंदन, तिलक से तमिल अतिथियों का स्वागत, रामलला दर्शन कर भाव-विभोर हुए श्रद्धालु
अयोध्या, अमृत विचार: काशी-तमिल संगमम के चौथे संस्करण में शुक्रवार को काशी से अयोध्या पहुंचे 212 विशिष्ट अतिथियों का राम की नगरी में चंदन-तिलक से स्वागत किया गया। लग्जरी बसों के काफिले से उतरे तो राम की पैड़ी पर ढोल-नगाड़े और शंखनाद के बीच पुष्प-वर्षा कर अभिनंदन किया गया। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने अतिथियों का पारंपरिक रीति से स्वागत किया।
अतिथियों के लिए अयोध्या धाम बस अड्डे के नवनिर्मित ऑडिटोरियम में विशिष्ट भोजन की व्यवस्था की गई थी। इसमें पारंपरिक व्यंजनों के साथ अवधी व उत्तर भारतीय स्वाद का अद्भुत संगम था। एक साथ बैठकर भोजन ग्रहण किया। यहां आपसी बातचीत और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का सुंदर दृश्य मौजूद रहा। आयोजन भारतीय संस्कृति की एकता, विविधता और सांस्कृतिक सेतु का सजीव उदाहरण बना।
उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सदियों पुराना बंधन सशक्त होता दिखा। योगी सरकार से अयोध्या में कराए गए विकास कार्यों को सराहा। सारी व्यवस्था भारत सरकार, राज्य सरकार और आईआरसीटीसी के द्वारा कराई गई है।डीएम निखिल टीकाराम ने बताया कि अयोध्या की यह यात्रा तमिल अतिथियों के मन में रामनगरी के प्रति अपार श्रद्धा, प्रेम और अविस्मरणीय स्मृतियां छोड़ गई। शहर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिससे पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण और गरिमामय ढंग से संपन्न हुआ।
रामलला के दिव्य दर्शन से शुरू हुई यात्रा
अयोध्या पहुंचे अतिथियों ने सबसे पहले राम मंदिर में रामलला का दर्शन-पूजन किया। अतिथियों की आंखों में भक्ति और आस्था हिलोरे ले रही थी। इसके बाद अतिथि हनुमानगढ़ी पहुंच बजरंगबली का दर्शनकर आशीर्वाद प्राप्त किया। अंत में तमिल अतिथियों को राम की पैड़ी ले जाया गया। अवध की प्रसिद्ध फरवाही नृत्य ने राम, कृष्ण,हनुमान और विष्णु को जिस कलात्मकता से प्रस्तुत किया उसमें तमिल से आए युवा भाव विभोर हो जयकारे लगाने लगे। सरयू नदी और आरती स्थल को देखा। जय श्रीराम के जयघोष ने वातावरण को राममय कर दिया।
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सोर्स : अयोध्या कार्यालय
