अयोध्या : लापता महंत के हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस को क्लू की तलाश  

सर्विलांस, सीसीटीवी फेल होने के बाद मुखबिर भी नहीं आ रहा काम 

अयोध्या : लापता महंत के हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस को क्लू की तलाश  

अमृत विचार, अयोध्या। स्वामित्व विवाद को लेकर बीते तीन वर्ष से चर्चित रामनगरी के रायगंज स्थित नरसिंह मंदिर के महंत को लापता हुए दस दिन बीत गए, लेकिन पुलिस अभी तक लापता महंत का कोई सुराग हासिल नहीं कर सकी है। हाल तो यह है कि सर्विलांस, सीसीटीवी फेल होने के बाद हर मौके पर तारणहार बनने वाला मुखबिर भी पुलिस के काम नहीं आ रहा।

इस हाई प्रोफ़ाइल मामले में पुलिस को अपनी कार्रवाई आगे बढ़ाने तथा महंत के लापता होने को लेकर उपजे तमाम सवालों का जवाब देने के लिए अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए एक अदद क्लू की तलाश है, जिससे वह आगे बढ़कर लापता महंत तक पहुंच सके।  

गौरतलब है कि आमतौर पर रामनगरी के अन्य मठ-मंदिरों की तरह उत्तराधिकार अर्थात मंदिर और उससे जुडी जमीन तथा अन्य संपत्तियों के मालिकान हक़ को हासिल करने की कवायद के तहत बीते 3 साल से रामनगरी के साधुशाही के बीच भीतरखाने चर्चा में नरसिंह मंदिर का मामला रहा है। 18 अगस्त 2022 की सुबह मंदिर के प्रथम तल पर दो धमाकों के बाद मामला बहुचर्चित हुआ था। जिसमें 90 वर्षीय मंदिर के महंथ राम शरण दास ने अपने ही शिष्य और मंदिर के कथित पुजारी राम शंकर दास उर्फ़ प्रेमदास को कटघरे में खड़ा किया था, लेकिन रामनगरी के नामचीन साधुओं के कोतवाली घेराव के बाद मामला उल्टा हो गया था।

 रामवल्ल्भाकुञ्ज के अधिकारी पद को लेकर चर्चित रहे देवराम दास वेदांती और उनके शिष्यों तथा दो पत्रकारों समेत कुल सात के खिलाफ पुजारी की तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई है। आरोप यह भी है कि देवरामदास ने कागजात पर दस्तखत भी करा लिया है। आनन-फानन में पुलिस ने धमाका पटाखा से होने की बात कह सिर्फ देवराम के शिष्य मोहनदास और विवेकदास का चालान तो कर दिया लेकिन केस को ठंडे बस्ते में डाल दिया।   

सुरक्षा व निगरानी में लगे जवान भी नहीं बता पाए कुछ

10 जनवरी की शाम नरसिंह मंदिर के वयोवृद्ध महंत शाम 4 बजे अकेले ही मंदिर से निकले और लापता हो गए, ऐसा पुजारी तथा अन्य का कहना है। साधुओं की धड़ेबंदी को लेकर मामला गरमाया तो पुलिस ने तहकीकात शुरू की और गुमशुदगी दर्ज की। अंदेशा जताया कि माघ मेले में प्रयाग चले गए होंगे। मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालने का प्रयास किया तो पता चला कि कैमरे तो खराब पड़े है। सुरक्षा और निगरानी के लिए लगाए गए दोनों पुलिस जवान भी कुछ बता रहे। पुलिस ने लापता महंत के मोबाइल को सर्विलांस पर लिया तो वह स्विच आफ मिला।

जिसके चलते लापता महंत तक पहुंचने का सारा क्लू बंद हो गया। आम तौर पर सबकुछ पुलिस को बताने वाले मुखबिर ने भी हाथ खड़ा कर दिया। फिलहाल पुलिस अभी हवा में हाथ-पैर मार रही है और उसको अंजाम तक पहुंचने के लिए किसी क्लू की तलाश है। अयोध्या कोतवाल मनोज कुमार शर्मा का कहना है कि लापता महंत की तलाश के लिए चार टीमों को लगाया गया है। अभी फ़िलहाल कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। टीमें तमाम तथ्यों और परिस्थितियों का बारीकी से जाँच कर रही हैं।

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