पीलीभीत: पंचायत सफाई कर्मचारी से बहाली के नाम पर 30 हजार रुपए की वसूली, देखें वीडियो
डीपीआरओ और लिपिक पर लगाया रिश्वत मांगने का आरोप, पीड़ित ने डीएम से की शिकायत, अफसरों से मांगी रिपोर्ट
पीलीभीत, अमृत विचार। छह माह पहले नौजल्हा नकटा में ड्यूटी से सफाई कर्मचारी के गायब मिलने और गांव में गदंगी पाए जाने पर सफाई कर्मचारी को निलबिंत कर दिया गया था। अब इस मामले में सफाई कर्मचारी को बहाल करने के लिए 90 हजार रुपये की मांग की गई। इस पर सफाई कर्मचारी ने डीपीआरओ पर 30 हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं बल्कि 60 हजार रुपये और देने का भी आरोप है।
जिला पंचायत राज विभाग में गोपाल कृष्ण विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत हैं। वर्तमान में वह पूरनपुर ब्लॉक के गांव नौजल्हा नकटा में कार्यरत हैं। 18 अगस्त 2022 को मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा नौजल्हा नकटा का निरीक्षण किया गया था।
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— Amrit Vichar (@AmritVichar) January 20, 2023
निरीक्षण के दौरान गांव में गंदगी मिली थी। साथ ही नाले नालियां चोक मिले। साथ ही ड्यूटी पर अनुपस्थित मिले। जिसके बाद सफाई कर्मचारी गोपाल कृष्ण को निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद उन्हें जनवरी में निलंबन बहाली आदेश देने के लिए कार्यालय में बुलाया गया था। आरोप है कि जिला पंचायत राज अधिकारी ने 30 हजार रुपये लिए थे। जबकि 60 हजार रुपये और मांग रहे थे। रुपये न देने पर एक साल का एग्रीमेंट रोक बहाली का आदेश जारी किया है।
पीड़ित के अनुसार वह 30 हजार रुपये डीपीआरओ को दे चुका है। लेकिन वेतन सहित बहाली न होने पर पीड़ित ने डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार से शिकायत की। मामला संज्ञान में आने के बाद डीपीआरओ और पटल देख रहे लिपिक को तलब किया। इस मामले में डीएम ने डीपीआरओ से रिपोर्ट मांगी है।
फिलहाल, मामले की जांच चल रही है। इधर, डीपीआरओ वाचस्पति झा का कहना है कि मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप निराधार है। किसी से कोई रुपये नहीं मांगे गए है। हालांकि पीड़ित का कहना है कि वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद चर्चा का विषय बना हुआ है।
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