लखनऊ: 12 से 756 बेड का सफर, 153 साल का हुआ बलरामपुर अस्पताल, 154वें स्थापना दिवस शुक्रवार को

लखनऊ:  12 से 756 बेड का सफर, 153 साल का हुआ बलरामपुर अस्पताल, 154वें स्थापना दिवस शुक्रवार को

अमृत विचार लखनऊ। राजधानी में 12 बेड से शुरू हुए बलरामपुर अस्पताल ने अपने 153 साल पूरे कर लिए हैं। अब शुक्रवार को अस्पताल का 154वां स्थापना दिवस मनाया जायेगा। इस स्थापना दिवस समारोह के गवाह मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा व सचिव रवींद्र बनेंगे। कार्यक्रम के मौके पर लोहिया संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद छठे पद्मश्री डॉ. एससी राय मेमोरियल ओरेशन को संबोधित करेंगी।

सुबह साढ़े नौ बजे से शुरू होने वाले समारोह में कई सेवानिवृत्व कर्मचारियों को भी बुलाया गया जो अस्पताल के इतिहास के बारे में भी चर्चा करेंगे। अस्पताल के सीएमएस डॉ जीपी गुप्ता कहते हैं कि कभी 12 बेड का ये एक छोटा अस्पताल हुआ करता था आज इतने सफर बार यहां 756 बेड पर मरीजों को इलाज किया जाता है, साथ ही 24 घंटे इमरजेंसी सुविधा का भी संचालन किया जा रहा है। अस्पताल की उपलब्धि ये है कि यहां मेडिसिन से लेकर न्यूरो सर्जरी और कैंसर तक के मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है। गंभीर मरीजों के लिए 28 बेड की वेंटिलेटर यूनिट भी है। गरीब गुर्दा रोगियों की मुफ्त डायलिसिस भी हो रही है।

1860 में पड़ी नीव, ब्रिटिश सर्जन का बना है मकबरा
 अस्पताल की बुनियाद 1860 में पड़ी थी। 27 साल की उम्र में ब्रिटिश सर्जन फ्रेड्रिक ऑगस्टस की मौत हो गई। गोलागंज में उनका मकबरा बना। फिर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए अंग्रेजों ने साल 1869 में रेजिडेंसी हिल डिस्पेंसरी खोली। सबसे पहले डिस्पेंसरी में सैनिकों का इलाज होता था। बाद में आम लोगों का भी इलाज होने लगा। इसी बीच साल 1902 में राजा बलरामपुर ने जमीन उपलब्ध कराई। जिसके बाद यह डिस्पेंसरी अस्पताल में तब्दील कर दी गई।

राजा बलरामपुर ने किया था विस्तार
अस्पताल के निदेशक डॉ. रमेश गोयल ने बताया कि राजा बलरामपुर ने जब इसका विस्तार किया। 36 बेड पर मरीजों का इलाज शुरू हुआ। उपकरण भी लगाए गए। वर्ष1948 में बलरामपुर अस्पताल सरकार के अधीन कर दिया गया। उस वक्त 20 बेड और बढ़ाए गए। एक विशेषज्ञ व तीन एमबीबीएस डॉक्टर तैनात किए गए। साथ ही तीन कम्पाउंडर, 20 नर्स और 50 कर्मचारी रखे गए। उस वक्त यहां रोजाना करीब 200 मरीज देखे जाते थे।

मॉड्यूलर ओटी बनेगी
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशू चतुर्वेदी ने बताया  कि अभी आठ ऑपरेशन थिएटर हैं। प्रतिदिन 40 से अधिक मरीजों के ऑपरेशन हो रहे हैं। मरीजों को और बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर तैयार किया जाएगा। मॉर्डन किचन की सुविधा होगी। 300 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाया जाएगा। ताकि बिजली का उत्पादन किया जा सके। 

ये भी पढ़े:- लखनऊ : भारतीय क्रिकेटर से याजदान बिल्डर ने हड़पे 71 लाख रुपये, प्राथमिकी दर्ज