रुद्रपुर: गाजीपुर बॉर्डर की तर्ज पर मंडी में किसानों ने तंबू लगाकर डाला डेरा
रुद्रपुर, अमृत विचार। औने-पौने दामों पर किसानों की मटर बिक्री के खिलाफ किसान संगठनों का आक्रोश दूसरे दिन भी नहीं थमा। दूसरे दिन दोनों ही किसान संगठन एक मंच पर आए और बगवाड़ा मंडी परिसर में तंबू लगाकर गाजीपुर बॉर्डर की तर्ज पर अपना धरना शुरू कर दिया और परिसर में लंगर प्रारंभ कर दिया। इस दौरान किसानों ने बाहरी इलाकों से आ रहे ट्रकों को रोक दिया और उन्हें वापस नहीं आने की चेतावनी देकर छोड़ा।
सोमवार को भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के प्रदेश अध्यक्ष सलविंदर सिंह कलसी और तराई किसान संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क अपने-अपने समर्थकों के साथ एक मंच पर आए और बगवाड़ा मंडी परिसर में तंबू लगाकर धरना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि गाजीपुर बॉर्डर की तर्ज पर किसान अपने हक की लड़ाई लड़ेगा और बाहरी राज्यों से आ रहे मटर के ट्रकों को रोक कर अपना विरोध जताया।
उनका आरोप था कि मंडी समिति की सांठ गांठ के कारण किसानों की मटर को फ्रोजन व्यापारी औने-पौने दामों में खरीद रहे हैं। मटर का सही मूल्य नहीं मिलने पर यूपी से मटर की खरीदारी हो रही है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहा कि किसान मटर के दाने की खरीद 47 रुपये के हिसाब से कर रही है। वहीं उनकी मटर सात से आठ रुपये खरीदी जा रही है, जबकि पांच रुपये मटर की तुड़वाई होती है।
आरोप था कि जब स्थानीय किसान इसका विरोध करता है, तो मंडी समिति प्रशासन कारोबारियों से सांठगांठ कर बाहरी मटरों की खरीद करवा रही है। जबकि मंडी परिसर में मटर की बोली या फिर नीलामी के साथ खरीद होनी चाहिए।
उन्होंने आगाह किया कि जब तक प्रशासन किसानों को राहत नहीं देगा और मटर का सही मूल्य नहीं मिलेगा। तब तक आंदोलन जारी रहेगा। वरना किसान बॉर्डर एवं कारोबारियों की फैक्ट्रियों में तालाबंदी करेगा। इस मौके पर साहब सिंह, संतोख सिंह, ठाकुर जगदीश सिंह, करमजीत सिंह, सुखवंत सिंह, सखन सिंह, परमिंदर सिंह, गुरनाम सिंह, रंजीत सिंह, एजाज हाजी, सद्दाम खान, गुरजीत सिंह चीमा, प्रधान हरप्रीत सिंह, कावल सिंह आदि मौजूद रहे।
