मुरादाबाद : नगर क्षेत्र में शिक्षकों की बेमेल तैनाती से बेपटरी है शिक्षण व्यवस्था, बेदम साबित हो रहा निपुण भारत अभियान का दावा

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Published By Bhawna
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बेसिक शिक्षा परिषद के नगर क्षेत्र के 64 स्कूलों में पढ़ते हैं 9654 छात्र-छात्राएं, 1408 विद्यालयों में 2.19 लाख विद्यार्थी पंजीकृत

कहीं शिक्षक अधिक तो किसी स्कूल में छात्रों की कम संख्या के बाद भी मानक से अधिक हैं गुरुजी, प्राथमिक में प्रति छात्र 30, उच्च प्राथमिक विद्यालय में 35 छात्र संख्या पर एक शिक्षक किए जाने होते हैं तैनात

मुरादाबाद, अमृत विचार। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता में कमी से शासन और मंडल व जिले के प्रशासनिक अधिकारी तो चिंतित और नाराज हैं ही। इन विद्यालयों में छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की तैनाती और समायोजन भी नहीं है। देहात क्षेत्र की तो बात ही दूर है नगर क्षेत्र के 64 विद्यालयों में भी बेमेल तैनाती और समायोजन से शिक्षा व्यवस्था बेपटरी है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंदनपुर सहित कई विद्यालय में एकल शिक्षक हैं। ऐसे में इन शिक्षकों के अवकाश की स्थिति में तालाबंदी की नौबत है। ऐसे में सब पढ़ें-सब बढ़ें और निपुण भारत अभियान का दावा बेदम साबित हो रहा है। 

जिले के 1408 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 2.19 लाख से अधिक छात्र संख्या है। इसमें नगर क्षेत्र में 64 स्कूलों में सितंबर में नामांकन खत्म होने के बाद छात्र संख्या 9654 रही। इन्हें पढ़ाने के लिए कहीं मानक से अधिक शिक्षक हैं तो कहीं एकमात्र शिक्षक या शिक्षामित्र के भरोसे स्कूल संचालित हो रहे हैं।

 शासन व महानिदेशक स्कूल शिक्षा की चिंता यह है कि कक्षा तीन के विद्यार्थी पैराग्राफ नहीं पढ़ पा रहे हैं तो खुद जिलाधिकारी के निरीक्षण में पिछले दिनों कक्षा छह से आठ तक के कई स्कूलों के छात्र अपनी पुस्तक का पैराग्राफ नहीं पढ़ पाए। इससे जिला बेसिक शिक्षाधिकारी की नजरें भी झुक गईं। अब सवाल यह है कि शिक्षा और शिक्षक का अनुपात सुधरने पर ही गुणवत्ता सुधार और भारत को निपुण बनाने के अभियान की सफलता सुनिश्चित होगी।  जब शिक्षक कम रहेंगे तो वह बेमन से अपने शिक्षण कार्य को सिर्फ नौकरी समझकर निभा रहे हैं। इसकी झलक खुद मंडलायुक्त के सामने पंचायत भवन सभागार में आई थी। जब मंडलायुक्त ने शिक्षकों और शिक्षाधिकारियों को कड़ी डांट लगाकर आइना दिखाया था। 

लड़खड़ा रही बेसिक शिक्षा विभाग की गाड़ी
नगर क्षेत्र जिसे किसी भी विभाग का चेहरा माना जाता है वहीं पर बेसिक शिक्षा विभाग की गाड़ी लड़खड़ा रही है। नगर क्षेत्र के 19 विद्यालय सितंबर तक एकल रहे। क्योंकि कई विद्यालयों में मनमानी संबद्धता रही। बाद में महानिदेशक स्कूल शिक्षा के आदेश पर संबद्धता समाप्त हुई लेकिन, इसमें भी पारदर्शिता नहीं बरती गई। कई विद्यालयों में जहां एकल शिक्षक हैं वह विभागीय ग्रुप में सहयोग के लिए सहायक अध्यापक और शिक्षामित्र की तैनाती की गुहार लगा रहे हैं। 

62 शिक्षामित्र और आठ अनुदेशक कर रहे सहयोग
नगरीय क्षेत्र में 140 शिक्षक जिसमें प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक के अलावा 62 शिक्षामित्र और आठ अनुदेशक भी शिक्षण में सहयोग कर रहे हैं। वहीं नगर क्षेत्र के आसपास के सदर और अन्य ब्लॉक में भी बेमेल तैनाती से शिक्षण व्यवस्था बेपटरी है। 

350 छात्रों पर 18 शिक्षकों की तैनाती 
छजलैट ब्लॉक के सड़क किनारे के स्कूल लदावली में दस शिक्षक की तैनाती है जबकि यहां छात्र संख्या सिर्फ 200 बताई जा रही है। यही हाल कुंदरकी ब्लॉक के जूनियर हाईस्कूल मालीपुर का है। यहां 350 छात्रों को पढ़ाने के लिए 18 शिक्षकों की तैनाती है।

शिक्षकों के समायोजन, भर्ती, तैनाती की व्यवस्था शासनादेश पर ही होनी है। स्थानीय स्तर पर कुछ अधिकार नहीं है। इसलिए शिक्षकों की संख्या का अनुपात संतुलन संभव नहीं हो पा रहा है। फिर भी  पूरा प्रयास है कि कहीं तालाबंदी की नौबत न आए। जो शिक्षक हैं उनसे अपील है कि वह अपनी जिम्मेदारी को सर्वश्रेष्ठ तरीके से निभाएं, बच्चों के भविष्य को संवारने में वह कोई कसर न रखें। -बुद्धप्रिय सिंह, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी

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