लखनऊ : मध्यांचल का सहायक लेखाकार निलंबित

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Published By Virendra Pandey
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अमृत विचार, लखनऊ। 4 फरवरी को मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के कार्यालय परिक्षेत्रीय लेखा में सहायक लेखाकार पद पर कार्यरत विक्रम भोला को एंटी करप्शन की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था। विक्रम भोला पर आरोप है कि वह रायबरेली से स्टेनोग्राफर के पद से सेवानिवृत्त हुए गोमती नगर निवासी रमाकान्त यादव से पांच हजार रूपये घूस ले रहा था। अब मध्यांचल के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खगारौत ने उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर निलंबित कर दिया है।

निगम के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खगारौत ने बताया कि रायबरेली से स्टेनोग्राफर के पद से सेवानिवृत्त हुए रमाकान्त यादव अपने पेंशन एवं जीपीएफ की धनराशि के लिए इन्द्रलोक कालोनी स्थित विद्युत कार्यालय में चक्कर काट रहे थे, जबकि उन्होंने अपने सभी प्रपत्र सहायक लेखाकार विक्रम भोला को सौंप दिया था।

लेखाकार भोला ने उनसे भुगतान पास कराने के लिए पांच हजार रूपये सुविधा शुल्क की मांग की। सहायक लेखकार के रवैये से परेशान होकर उन्होंने एंटीकरप्शन के कार्यालय में शिकायत की, जिसके फलस्वरूप एंटीकरप्शन की टीम सहायक लेखाकर को पीड़ित से रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ कर कृष्णानगर थाने ले गई और पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।

उन्होंने बताया कि मुख्य अभियंता (वितरण) इंद्रलोक हाइडिल कालोनी से प्राप्त दस्तावेज के आधार पर विक्रम भोला को प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए निलंबित कर मुख्य अभियंता (वितरण) अयोध्या के कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।

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