काशीपुरः गैर इरादतन हत्या के तीन दोषियों को पांच-पांच साल का कारावास

काशीपुरः गैर इरादतन हत्या के तीन दोषियों को पांच-पांच साल का कारावास

काशीपुर, अमृत विचार। अदालत ने गैर इरादतन हत्या के तीन दोषियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई। मामले के दो दोषियों को पूर्व में 10-10 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। यह सजा द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार की पीठ ने सुनाई है। 

आईटीआई थाना क्षेत्र के हेमपुर इस्माइल निवासी लडेतिया देवी ने 22 जून को आईटीआई थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें कहा था कि 21 जून की रात उसके पति हेमराज घर की छत पर सोये थे। रात करीब 12 बजे वह जानवरों को चारा डालने उठे। इस दौरान पड़ोस की एक महिला ने पति पर घर में ताकाझांकी करने का आरोप लगाया। इसको लेकर हेमराज और पड़ोसियों के बीच कहासुनी हो गई। मारपीट में ससुर 90 वर्षीय रामपाल गंभीर रूप से घायल हो गये। जिन्हें काशीपुर से हल्द्वानी और वहां से बरेली रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान रामपाल की मौत हो गई। 

लडेतिया की तहरीर पर पुलिस ने हरिओम, गुरबचन सिंह, हरि सिंह पुत्र कर्ण सिंह, नेपाल सिंह पुत्र स्व. उत्तम सिंह, चमन सिंह पुत्र भूकन सिंह व एक किशोर पर केस दर्ज किया था। विवेचना अधिकारी ने हरिओम व गुरबचन सिंह के खिलाफ धारा 304 ए के तहत आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था, जबकि नेपाल, चमन व भूकन के नाम विवेचना से निकाल दिए गए। मामले में न्यायालय ने अगस्त 2020 में हरिओम व गुरबचन को दोषी मानते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई थी। साथ ही विवेचना से निकाले गए हरि सिंह, नेपाल व चमन सिंह के खिलाफ भी धारा 304, 323 का संज्ञान लेकर तीनों आरोपियों को तलब करने व अलग से पत्रावली बनाने के आदेश दिए गए। 

आरोपियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। जिसे पांच मार्च 2021 को गुण-दोष के आधार पर खारिज कर दिया गया। इस पर 9 मार्च 2021 को आरोपियों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। न्यायालय ने अधिवक्ताओं की बहस, गवाहों के बयान व पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर तीनों आरोपियों हरि सिंह, नेपाल व चमन सिंह को दोषसिद्ध करते हुए पांच-पांच साल के कठोर कारावास व दस-दस हजार का जुर्माना लगाया।

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