अयोध्या : सड़क चौड़ीकरण से उजड़े व्यापारियों के सामने गहराया रोजी-रोटी का संकट

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Published By Virendra Pandey
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दो महीने से बंद हैं दुकानें, मुआवजे में मिली धनराशि परिवार चलाने में ही हो रही खत्म 

अमृत विचार,अयोध्या। रामपथ निर्माण से कई व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। नयाघाट से सआदतगंज तक 13 किलोमीटर तक सड़क चौड़ीकरण योजना ने कई व्यापारियों की दुकानें निगल लीं। दो माह बाद भी दुकानें न मिलने से व्यापारियों की परेशानियां अब बढ़ती ही जा रही हैं। मुआवजे के नाम पर मिले रुपये भी परिवार चलाने में खत्म हो रहे हैं। बची कसर प्रशासन ने भवनों के सामने गड्ढे खोदवाकर पूरी कर ली। अब तो लोगों का घर से निकलना भी बंद कर दिया गया है। 

अयोध्या के बाबू बाजार में पूजन सामग्री के व्यापारी राजू ने बताया कि 10 दिसंबर को दुकान तोड़ने को कहा गया था। साथ ही यह भी आश्वासन दिया गया था कि सड़क का कार्य पूरा होने के बाद लोगों की परेशानी दूर हो जाएगी। दो महीने बीत चुके हैं। दुकान बंद पड़ी है। मुआवजे के नाम पर एक लाख रुपये मिले थे, जिससे या तो हम पुन: अपनी रोजी-रोटी शुरू कर पाएंगे या फिर परिवार के लोगों को ही खिलाकर समाप्त हो जाएगा। अब तो इससे ज्यादा और भी दिक्कत खड़ी हो गई है। क्योंकि सड़क निर्माण से पहले आठ फुट गहरा नाला बनाए जाने के लिए गेट के सामने ही बड़े गड्ढे खोद दिए गए हैं। परिवार के लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है। 

घर के सामने बैठ बीत रहा दिन 

छोटी देवकाली चौराहे पर पूजन सामग्री की दुकान चलाने वाले राजेंद्र सिंह बताते हैं कि दुकान टूटे हुए दो महीने से अधिक का समय हो गया है। पूरी दुकान चली जाने के बाद दूसरे स्थान पर दुकान देने की बात अधिकारियों की ओर से कही गई थी, लेकिन अभी तक दुकान नहीं मिल सकी है। हम लोग बेरोजगार हो गए हैं। सिर्फ घर के सामने बैठकर ही पूरा दिन बीत जा रहा है।  इंतजार रहता है कि कब दुकान का अलॉटमेंट पत्र मिलेगा।

दो महीने से अफसरों के पास लगा रहे दौड़ 

छोटी देवकाली चौराहा पर भगवान के मुकुट और वस्त्र विक्रेता यश अग्रवाल भी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रशासन की ओर से कोई भी दुकान की व्यवस्था नहीं कराई गई। दुकान तोड़े जाने के बाद एक लाख रुपये मुआवजा दिया गया। दो महीने से दुकान के लिए अधिकारियों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि व्यापारियों की लिस्ट तैयार की गई है, जांच के बाद ही सभी को अलॉटमेंट दिया जाएगा।

मार्च के बाद विस्थापित व्यापारियों को मिलेंगी दुकानें

जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि रामपथ निर्माण में व्यापारियों को जीवन यापन भत्ता दिया गया है। नयाघाट से सआदतगंज तक के बीच जिनकी दुकान समाप्त हो गई है और जो पूर्ण रूप से विस्थापित हुए हैं उन्हें टेढ़ी बाजार के पास दुकानें देने की तैयारी की जा रही है। मार्च तक इसका कार्य पूरा होने के बाद दुकानों को उपलब्ध कराए जाने की कार्रवाई की जाएगी।

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