मुरादाबाद : ब्लड बैंक में नहीं है निगेटिव ग्रुप का रक्त, भटक रहे मरीज
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में मात्र 44 यूनिट रक्त, 1000 यूनिट है क्षमता
मुरादाबाद, अमृत विचार। जिला अस्पताल निगेटिव ग्रुप के रक्त के संकट से जूझ रहा है। यहां अब एक भी यूनिट निगेटिव ग्रुप का रक्त नहीं बचा है। जबकि पॉजिटिव में 44 यूनिट रक्त ही शेष है। ऐसे में मरीजों को ग्रुप के रक्त के लिए भटकना पड़ रहा है। रक्तदान नहीं होने के कारण ब्लड बैंक में रक्त का संकट बना हुआ है। जिला अस्पताल में 1000 यूनिट क्षमता वाला ब्लड बैंक है। वहीं, प्रतिदिन 25-30 यूनिट रक्त की सप्लाई होती है।
हादसों का शिकार, अस्पताल में भर्ती और ऑपरेशन के दौरान रोगियों को रक्त की जरूरत पड़ती रहती है। ज्यादातर मरीज आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से इन्हीं सरकारी अस्पतालों में भर्ती होते हैं। डोनर होने पर सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक से निशुल्क रक्त दिया जाता है। जबकि, प्राइवेट ब्लड बैंक काफी पैसे वसूलते हैं। अब सरकारी अस्पतालों के रक्तकोष में एक भी यूनिट निगेटिव ग्रुप का ब्लड नहीं है। रक्त की कमी के चलते थैलीसीमिया, एनीमिया और गर्भवती महिलाओं सहित लावारिस के इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अस्पताल में थैलेसीमिया के 60 बच्चे और हीमोफीलिया फैक्टर आठ के 142 और फेक्टर नौ के 13 मरीज पंजीकृत है। जिन्हें हर महीने रक्त चढ़ाया जाता है।
निगेटिव ग्रुप का रक्त ब्लड बैंक में नहीं है। अगर किसी मरीज को निगेटिव रक्त की जरूरत पड़ती है। तो उसके साथ वालों का ग्रुप चेक कर डोनेट करा दिया जाता है। अगर रक्त नहीं मिलता तो ऐसी हालत में मरीज को मेरठ रेफर कर दिया जाता है। हालांकि शासन के निर्देश पर रक्तदान शिविर का आयोजन कराया जा रहा है। -डॉ. राजेंद्र सैनी, ब्लड बैंक इंचार्ज
ब्लड बैंक में रक्त की स्थिति (यूनिट )
- ओ पॉजिटिव- 22
- ओ निगेटिव - 0
- ए पॉजिटिव- 11
- ए निगेटिव- -0
- बी पॉजिटिव- 3
- बी निगेटिव - 0
- एबी पॉजिटिव- 8
- एबी निगेटिव- 0
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