काशीपुर: सावधान! फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर साइबर ठग कर रहे ठगी 

सतर्कता से ही बचा जा सकता है साइबर ठगों का शिकार होने से

काशीपुर: सावधान! फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर साइबर ठग कर रहे ठगी 

काशीपुर, अमृत विचार। सोशल मीडिया जहां एक ओर लोगों को सहूलियत देने का कार्य कर रहा है, वहीं कुछ लोगों ने इसका दुरुपयोग कर इसे ठगी का जरिया बना लिया है।

आपकी एक लापरवाही से लाखों का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। साइबर ठग पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। जिसको लेकर पुलिस लोगों को जागरूक भी कर रही है। बावजूद इसके लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं।

वर्तमान में साइबर ठग लोगों को नामी कंपनियों की फ्रेंचाइजी दिलाने का झांसा देकर ठग रहे हैं। साइबर ठग सोशल मीडिया में कंपनियों की डीलरशिप के लिए एक विज्ञापन प्रसारित कर रहे हैं। जिसमें लोगों को कम कीमत में नामी कंपनी की डीलरशिप दिलाने का आश्वासन देते हैं।

ठग जाल में फंसे लोगों से एक लिंक पर क्लिक करने और एक नंबर पर फोन करने को कहते हैं। जिस पर विश्वास कर लोग उनके लिंक पर संपर्क कर उनका आसानी से शिकार हो रहे हैं। वर्तमान में डीलरशिप के नाम पर कुमाऊं क्षेत्र में साइबर पुलिस स्टेशन में दो-तीन मामले दर्ज है।

जिसका शिकार लोगों से साइबर ठगों ने करीब 50 लाख रुपये की ठगी की है। जिनमें साइबर पुलिस स्टेशन के साथ स्थानीय पुलिस भी इन साइबर ठगों की तलाश में जुटी हुई है।


पेंसिल पैकेजिंग कार्य व हाय मम (मां) मैसेज भेजकर भी कर रहे ठगी

साइबर ठगों ने लोगों के खाते खाली करने के नये तरीके भी अपना लिए हैं। जिसमें नामी कंपनी की पेंसिल पैकिंग करने का प्रलोभन दिया जा रहा है। ठग लोगों को आकर्षक सैलरी का लालच दे रहे हैं। कई साइबर ठग व्हाट्सएप या टैक्स्ट मैसेज में हाय मम (मां) भेज कर लोगों को चूना लगा रहे हैं। मैसेज भेजने वाला ठग महिलाओं को मैसेज से अपनी बातों में फंसा लेता है। लोगों को लगता है कि यह उनका बेटा या बेटी ही है। फिर ठग इंटरनेट बैंकिंग ब्लॉक होने की बात कह पैसे ठग लेते हैं। कोई ठग लिंक या क्यूआर कोड भेजकर पूरा खाता ही खाली कर देता है।

 

ठगी से इस तरह से कर सकते हैं बचाव:-

-कंपनी की अधिकारिक वेबसाइट से उस कार्य की पुष्टि करें।
-कोई भी डेबिट या क्रेडिट कार्ड विवरण किसी को भी न दें।
-पैन कार्ड या आधार कार्ड शेयर न करें।
-किसी को भी ओटीपी न बताएं।
-अनजान नंबर पर कोई रिप्लाई न करें।
-बार-बार मैसेज आ रहे हैं तो 1930 पर शिकायत करें।
-क्यूआर कोड से केवल भुगतान किया जाता है न कि रुपये लिये जाते हैं।
-व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर किसी से बात न करें।
-अपनी फेसबुक आईडी लॉक रखें और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दिये गये सिक्यूरिटी फीचर का इस्तेमाल करें।

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