मुरादाबाद: किसी को लगा हाथ तो कोई अपने दोनों पैरों पर हुआ खड़ा, कृत्रिम अंग पाकर खिले दिव्यांगों के चेहरे

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Published By Priya
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मुरादाबाद, अमृत विचार। साहब! कृत्रिम अंग लगने के बाद मेरा बेटा भी अपने पैरों पर खड़ा हो पाएगा न, इन्हें लगने से उसे दर्द तो नहीं होगा... ये प्रश्न उस मां के थे जो अपने जिगर के टुकड़े को अपने पैरों पर खड़ा होने के सपने को लेकर जिला दिव्यांगजन विभाग के शिविर में पहुंची थी। उसने बताया कि बेटा जन्म से अपाहिज है। इस पर टीम ने उसका हौसला बढ़ाते हुए बच्चे को दोनों कृत्रिम पैर लगाए। इसके अलावा हादसे में हाथ-पैर गंवाने वाले दिव्यांगों के भी कृत्रिम अंग लगाए गए तो उनके चेहरे पर खुशियां लौट आईं।

शनिवार को दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी मुश्ताक अहमद ने बताया 21 फरवरी से 25 फरवरी तक विकास भवन में दिव्यांगों को कृत्रिम अंग लगवाने के लिए शिविर लगाया था। 27 फरवरी से जनपद के ब्लॉक स्तर पर शिविर लगाकर दिव्यांगों को कृत्रिम अंग व उपकरणों के लिए चिह्नित किया गया था। अब तक 129 दिव्यांगों को कृत्रिम अंग लगाए जा चुके हैं। विभाग की ओर से छह मार्च को भी विकास भवन में शिविर के दौरान बचे हुए दिव्यांगों को कृत्रिम अंग लगाए जाएंगे।

कृत्रिम पैर लगने से मिली खुशी
शिविर में 53 वर्षीय दिव्यांग रामौतार पैर लगवाने पहुंचे। उनके पैर में लगी चोट से उसमें सेप्टिक हो गया था। डॉक्टर को उसकी जान बचाने के लिए पैर काटना पड़ा था। शनिवार को जब शिविर में उसके कृत्रिम पैर लगाया तो उसके बाद दोनों पैरों से चलने पर उसे खुशी मिली।

अब नहीं लगानी पड़ेगी जयपुर की दौड़
देवापुर गांव के रमजानी तीस साल से नकली पैर के सहारे जिंदगी जी रहे हैं। पहले हर साल पैर की फिटिंग कराने जयपुर जाना पड़ता था। पैर की मरम्मत और किराए में दस हजार से अधिक खर्च हो जाते थे। अब यहां निशुल्क और नया कृत्रिम पैर लगाया गया है। अब उसे जयपुर की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।

अब जल्द सीधे हो जाएंगे बेटे के पैर
जनपद अमरोहा के गांव रामपुर घना निवासी सना अफजल एक माह के बेटे के पैर जन्म से टेढ़े होने के कारण उसका जूता बनवाने पहुंची। बच्चे के पैरों में जूता बनाकर उसको पहनाया गया। इससे उसके पैर सीधे हो जाएंगे। सना ने कहा कि जूता बनवाने जयपुर जाने के तैयारी कर रहे थे। यहां आकर उनकी समस्या कम हो गई।

दोनों पर खड़े होकर मिली हुकुमवती को खुशी
राजा का सहसपुर बिलारी निवासी हुकुमवती पत्नी रामरतन का बचपन में पोलियो होने के कारण एक पैर दो साल की उम्र से ही खराब है। शादी के बाद भी लाठी के सहारे चला करती थी।अब हुकुमवती के पैर में ताकत के लिए उपकरण लगने से वो अब सीधी खड़ी हो सकती है। उसने बताया की आज दोनों पैरों पर खड़े होकर एक अजीब सी खुशी मिल रही है।

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