UP Nikay Chunav: पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल, जानिए कब तक जारी हो सकती है अधिसूचना

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Published By Deepak Mishra
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ, अमृत विचार। पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में निकाय चुनावों में पिछड़ों को 27 फीसदी तक आरक्षण देने की सिफारिश की है। सूत्र यह भी बताते हैं कि पिछले आरक्षण में खामियों का जिक्र करते हुए कहा है कि कुछ निकायों में तो तीन दशक से आरक्षण नहीं बदला गया। 

राज्य सरकार ने नगर निकाय चुनाव में पिछड़ी जातियों का आरक्षण तय करने के लिए गठित उप्र राज्य समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी। अब कोर्ट इस प्रकरण पर सुनवाई कर फैसला देगा। उसी आधार पर सरकार वार्डों से लेकर मेयर और पालिका के अध्यक्षों के आरक्षण में आंशिक संशोधन करेगी। लेकिन इससे पहले उसे अधिनियम में संशोधन करना पड़ेगा।

सरकार ने भी आयोग की रिपोर्ट को कैबिनेट से मंजूरी देने के बाद उसे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है। नगर विकास विभाग प्रमुख सचिव अमृत अभिजात और न्याय विभाग के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

 उन्होंने अधिवक्ता के जरिए आयोग की रिपोर्ट दाखिल कर कोर्ट से इस प्रकरण पर सुनवाई के लिए तारीख देने का अनुरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखा जाएगा कि इस रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी की प्रक्रिया तय करते हुए उनके लिए सीटें आरक्षित करने और चुनाव कराने की अनुमति दी जाए।

सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद 25 दिन चाहिए तैयारी के लिए
नगर विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद भी तैयारियों को पूरा करने में कम से कम 20 से 25 दिन लेगेंगे। ऐसे में अप्रैल के अंतिम सप्ताह में निकाय चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी करने के लिए प्रस्ताव भेजने की तैयारी है। जिससे मई में चुनाव संपन्न कराया जा सके।

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