मातृ-शिशु की देखभाल में मिडवाइफ की भूमिका महत्वपूर्ण : ब्रजेश पाठक

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Published By Virendra Pandey
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सोसाइटी ऑफ मिडवाइफ इंडिया और कॉलेज ऑफ नर्सिंग एसजीपीजीआई के सहयोग से आयोजित सम्मेलन को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया संबोधित

लखनऊ, अमृत विचार। सोसाइटी ऑफ मिडवाइफ इंडिया और कॉलेज ऑफ नर्सिंग, एसजीपीजीआई लखनऊ के सहयोग से श्रुति ऑडिटोरियम में मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए सामान्य जन्म को बढ़ावा देने के लिए 'मिडवाइफ वापस लाएं विषय पर 16वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बतौर मुख्य अतिथि किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मातृ-शिशु की देखभाल में मिडवाइफ (दाइयों)  की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके अलावा रोगी के अस्पताल में भर्ती होने के दौरान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में नर्सों का बहुत बड़ा योगदान होता है। सरकार ने इंटरमीडिएट कॉलेज व स्कूलों के लिए प्री-सर्विस नर्सिंग शिक्षा और करियर काउंसलिंग के उत्थान और मजबूती के लिए अक्टूबर 2022 में मिशन निरामया की शुरुआत की है।

एसजीपीजीआई के निदेशक, प्रो. आरके धीमन ने प्रसव पूर्व और प्रसवोत्तर अवधि के दौरान मातृ मृत्यु दर को कम करने और बाल स्वास्थ्य देखभाल में दाइयों के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के औपचारिक  उद्घाटन के बाद, 'प्राकृतिक जन्म: मां और बच्चे का अधिकार' विषय पर पहला पूर्ण सत्र आयोजित किया गया। सत्र की अध्यक्षता डॉ. दीपिका सेसिल खाका ने की और पैनलिस्ट ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इसके बाद 'प्राकृतिक प्रसव के लिए कुशल दाइयों को तैयार करने में क्या चुनौतियां' हैं विषय पर पैनल चर्चा हुई। इस अवसर पर कुलसचिव, उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी डॉ. आलोक कुमार, डॉ. राधा के , डॉ. गीता परवांडा, शबाना खातून, डॉ. प्रकाशम्मा मौजूद रहे।

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