बेरहमी: गोद ली हुई बच्ची को प्रेस से जलाया, पूरे शरीर पर दिए चोट के नीले निशान, पुलिस ने दंपति को किया गिरफ्तार    

बेरहमी: गोद ली हुई बच्ची को प्रेस से जलाया, पूरे शरीर पर दिए चोट के नीले निशान, पुलिस ने दंपति को किया गिरफ्तार    

प्रयागराज, अमृत विचार। आठ साल की बच्ची को प्रेस से जलकर उधड़ी पीठ की चमड़ियां, सूजे हुए गाल और पेट से लेकर सीने तक चोट के नीले निशान देख किसी का भी कलेजा मुंह को आ जाएगा। बच्ची को प्रताड़ित करने वाली महिला अंजना सिन्हा और उसके पति अरुण कुमार सिन्हा को देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। धूमनगंज थाने के दरोगा प्रीत कुमार पांडेय ने मामले में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 क, ख (यौन हिंसा) व 504, 506 और 323 के तहत रिपोर्ट दर्ज की।
 
इंस्पेक्टर धूमनगंज राजेश मौर्या के मुताबिक मामले में अंजना और उसके पति अरुण दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रीतमनगर के सन साइन अपार्टमेंट के बी ब्लॉक स्थित 102 नंबर फ्लैट में चार माह पहले आई मासूम का यह हाल किन वजह से हुआ। आखिर मासूम की क्या गलती थी जो इतना झेलना पड़ा। इसे लेकर जेहन में कई सवाल खड़े हो गए हैं। पड़ोसी भी फ्लैट की दीवारों के पीछे दबकर रह जाने वाली बेटी की चीख से बेखबर हैं।

लोगों को सिर्फ इतना पता है कि निसंतान सिन्हा दंपती ने चार माह पहले ही इस मासूम को गोद लिया था। छावनी के आर्मी स्कूल में शिक्षक अरुण सिन्हा और उनकी पत्नी अंजना सिन्हा एक साल पहले ही इस अपार्टमेंट में आए थे। अरुण ने इस फ्लैट को खरीद लिया है। इससे पहले इस दंपती के पास के ही घूंघट वाली गली में स्थित किसी घर में रहने की जानकारी थी। अभी इस अपार्टमेंट की सोसाइटी बिल्डर के ही पास है। इस सोसाइटी को चलाने वाले उमेश बताते हैं कि सिन्हा दंपती का लोगों से बहुत लगाव नहीं था। तीन दिन से रंजना और उनके घर में रहने वाली मासूम दोनों ही नजर नहीं आ रहे थे। वह कहां थे और किन वजहों से फ्लैट से निकले थे, यह जांच का विषय है। चार महीने पहले आई मासूम के बारे में आसपास के लोगों को बस इतना ही पता है कि वह उनके मामा की बेटी थी, जिसे उन्होंने गोद ले लिया है। उस मासूम को सिन्हा दंपती के गोद लेने की बात कई लोगों ने कान से सुनी है, लेकिन हकीकत का पता किसी को भी नहीं है। 

गार्ड अजय सिंह का कहना है कि वह अंजना और उनके पति को सिर्फ आते जाते ही देखता था। वह बहुत कम लोगों से बातें करते थे। बच्ची भी घर से बहुत कम ही बाहर निकलती थी।पड़ोसियों की मानें तो उनका किसी के यहां आना जाना भी बहुत कम ही था। सिन्हा दंपती के स्वभाव और उनके बारे में भी वहां लोगों को अभी ठीक से जानकारी नहीं है। उनके एक पड़ोसी ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि सिन्हा दंपती ने बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू कराने की चर्चा की थी। अभी मासूम स्कूल पढ़ने भी नहीं जाती थी। वह मासूम कहां से और कैसे वहां आई, इसके बारे में भी लोगों को अभी जानकारी नहीं है। लेकिन, इतना जरूर कहा जा रहा है कि वह बालिका सिन्हा दंपती के रिश्ते की बताई जाती रही है। बालिका के अंजना और उनके पति के बर्ताव को लेकर भी कोई खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं था।

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