लखनऊ: नगर आयुक्त व महाप्रबंधक समेत आठ के खिलाफ आरोपों की जांच के आदेश

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Published By Jagat Mishra
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कोर्ट ने एसीपी हजरतगंज को 12 अप्रैल तक जांच रिपोर्ट देने का दिया आदेश   

लखनऊ, अमृत विचार। आपराधिक मुक़दमे दर्ज होने के बावजूद फर्जी सत्यापन करा के अपात्र को सहायक लेखाकार के पद पर नियुक्ति देने के आरोपों को लेकर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, जलकल विभाग के महाप्रबंधक राम कैलाश गुप्ता व बहराइच के पशु चिकित्साधिकारी अनुराग यादव समेत आठ के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज किए जाने की माँग पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एसीपी हज़रतगंज को मामले की जांच करने और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।
      
कोर्ट ने इस मामले में दिए आदेश में कहा है कि परिवादी ने नगर आयुक्त समेत आठ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग वाली अर्जी के साथ संबंधित कागजात भी दाखिल किए हैं जिसमें हजरतगंज थाने से रिपोर्ट भी आ गई है लेकिन एसीपी से भी इस मामले की जांच करा लेना उचित होगा। कोर्ट ने एसीपी हजरतगंज को आदेश दिया कि वह इस मामले की विस्तृत जांच करे और 12 अप्रैल तक जांच की रिपोर्ट कोर्ट में दे।
     
दरअसल वादी विवेकानंद दुबे ने सरकारी अधिकारियों समेत सहायक लेखाकार मृत्युंजय को आरोपी बनाते हुए अर्ज़ी दाखिल की है जिसमें कहा गया है कि मृत्युंजय को विभाग में मृतक आश्रित कोटे से सहायक लेखाकार के पद पर नियुक्त किया गया था जबकि उसके ख़िलाफ़ चिनहट थाने में मुक़दमा भी दर्ज है। कहा गया कि नगर आयुक्त और महाप्रबंधक राम कैलाश को इसकी जानकारी देकर मृत्युंजय के चरित्र सत्यापन के लिए कहा गया लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते सत्यापन नहीं कराया गया। आरोप लगाया गया है कि उक्त अधिकारियों ने तथ्यों और मुक़दमे को छिपाते हुए सत्यापन करके धोखाधड़ी की है।

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