बरेली: मनरेगा में गोलमाल, नौ ब्लाकों के प्रधान-सचिव फंसे, ऑनलाइन सत्यापन में उजागर हुआ खेल

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Published By Vikas Babu
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एक साल में 76 मजदूरों को 100 दिन से अधिक काम देकर किया गोलमाल

बरेली, अमृत विचार। ग्राम पंचायतों में प्रधान और सचिवों की साठगांठ से खेल होने से मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत शासन ने एक साल में मजदूरों को 100 दिन रोजगार देने का प्रावधान किया है, लेकिन बहेड़ी, भोजीपुरा समेत नौ ब्लॉकों में 74 मजदूरों को 100 से अधिक रोजगार मुहैया करा दिया गया। ऑनलाइन सत्यापन में गोलमाल उजागर होने पर डीसी मनरेगा गंगाराम वर्मा ने संबंधित ब्लाक के बीडीओ को ग्राम प्रधान और सचिवों से मजदूरी की रकम की वसूली के निर्देश दिए हैं।

विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जनपद में 3.32 लाख जॉब कार्ड धारक और 4.68 लाख मनरेगा मजदूर पंजीकृत हैं। डीसी मनरेगा ने बताया कि शासन से जाॅब कार्डधारकों को 100 दिन रोजगार मुहैया कराने का प्रावधान है। इसके बावजूद बहेड़ी में 7, भोजीपुरा में 7, भदपुरा में 2, भुता में 10, बिथरी में 4, फरीदपुर में 4, नवाबगंज में 30, दमखोदा में 6, शेरगढ़ में 4 मजूदरों को 100 से 125 दिन तक काम देने के साथ ही मस्टर रोल जारी कर मजदूरी की रकम उनके खातों में भेजी दी गई।

शिकायतें मिलने पर ऑनलाइन सत्यापन कराया तो यह सच सामने आ गया। डीसी मनरेगा के मुताबिक मजदूरों के खाते में भले ही मजदूरी का पैसा भेजा दिया है, लेकिन उनसे इस धनराशि की रिकवरी नहीं होगी। इसके जिम्मेदार प्रधान और सचिव हैं, उनसे ही वसूली करने के निर्देश संबंधित ब्लाक के बीडीओ को दिए गए हैं।

नवाबगंज में सबसे ज्यादा गड़बड़ी
डीसी मनरेगा बुधवार को भी मनरेगा मजदूरों से जुड़े दो मामलों की जांच के लिए नवाबगंज गए थे। यहां रसूला तालिब हुसैन गांव में मनरेगा मजदूररी में खेल उजागर हुआ है। उनके मुताबिक एक व्यक्ति को 10 दिन काम नहीं मिला और मस्टर रोल जारी कर भुगतान दूसरे कार्य का दिखाकर कर दिया। इस मामले में भी सचिव से वसूली करने के बात कही है।

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