लखनऊ : बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू हुई दुर्गा शक्ति योजना, प्रतियोगी परीक्षाओं में करेगी मदद

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
On

लखनऊ, अमृत विचार। बेटियों के जीवन में सुधार और उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराकर आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से दुर्गा शक्ति योजना की शुरूआत हुई है। इस योजना की शुरूआत राजधानी के बालाजी इंस्टीट्यूट ने अमृत विचार समाचार पत्र के सहयोग से शुरू की है। इस योजना के माध्यम से ऐसी छात्राएं जो बेहद ही प्रतिभावान है, लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थित कमजोर होने के कारण या फिर अन्य कारणों से वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पा रही हैं। ऐसी प्रतिभावान छात्राओं को खोजकर उनके प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का जिम्मा बालाजी इंस्टीट्यूट दुर्गा शक्ति योजना के तहत उठायेगा।

इस बात की जानकारी बालाजी इंस्टीट्यूट के संचालक अजय दुबे ने राजधानी के तेलीबाग स्थित कार्यालय पर शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। उन्होंने कहा कि ऐसी बेटियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी इंस्टीट्यूट अपने खर्चे पर करायेगा, जो इनका खर्च वहन करने में सक्षम नहीं हैं । उन्होंने यह भी कहा कि जिन परिवारों में बेटियों को बेटों के बाद मौका देने की बात की जाती है। ऐसे परिवारों की बेटियों को भी मौका देकर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया जायेगा।

बालाजी इंस्टीट्यूट के संचालक अजय दुबे ने कहा कि आमतौर पर आज भी समाज में देखा जाता है कि बहुत से लोग बेटियों पर बेटों की अपेक्षा कम ध्यान देते हैं। जबकि बेटियां क्षमता के हिसाब से किसी से कम नहीं होती। इसी को देखते हुये 8 मार्च यानी अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दुर्गा शक्ति योजना का संकल्प लिया गया,लेकिन अमृत विचार समाचार पत्र का सहयोग मिलने के बाद आज उसे मूर्त रूप दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार यूपी बोर्ड में करीब 28 लाख बच्चे पास होंगे। वहीं सीबीएसई बोर्ड के 3 लाख और आईसीएसई के चार लाख से अधिक बच्चे पास होकर आयेंगे। इस तरह देखा जाये तो उत्तर प्रदेश में करीब 40 लाख बच्चे इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करेंगे। जिसमें से करीब 18 से 20 लाख बेटियां होंगी। इनमें से बहुत सी बेटियों में प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने की क्षमता होने के बाद भी मौका नहीं मिलेगा। इसके कई कारण हो सकते हैं। ऐसी बेटियों को 45 दिनों का एक निशुल्क कोर्स कराया जायेगा। उसके बाद एक टेस्ट के जरिये करीब 100 बेटियों का चयन किया जायेगा। इनमें से 90 बेटियों को निशुल्क रूप से स्टडी मटेरियल और ट्यूशन देकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जायेगी।

इसके अलावा दस बेटियों की निशुल्क शिक्षा के साथ उनके रहने व खाने की व्यवस्था भी एक वर्ष तक निशुल्क की जायेगी। इसके बाद भी यदि किसी बेटी का चयन प्रतियोगी परीक्षाओं में नहीं होता है। तो एक साल बाद भी उसके निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था प्रतियोगी परीक्षा में चयनित होने तक जारी रहेगी।

इस अवसर पर अमृत विचार समाचार पत्र के रीजनल अपकंट्री हेड आरपी सिंह, सिटी इंचार्ज (एडिटोरियल) मनीष श्रीवास्तव और सीनियर मैनेजर (मार्केटिंग) विकास तिवारी, बालाजी इंस्टीट्यूट के तेलिबाग़ शाखा की निदेशक शीला वर्मा प्रोजेक्ट की ब्राण्ड अंबेसडर सुधा यादव समेत अन्य लोग उपस्थित रहे। 

यह भी पढ़ें : लखनऊ : वेतन में कटौती से नाराज स्वास्थ्यकर्मियों ने किया प्रदर्शन, कार्रवाई के आश्वासन पर माने

 
 

संबंधित समाचार