हॉस्पिटल फार्मेसी लागू हो तो मिले सस्ती दवाएं

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लखनऊ। प्रदेश के चिकित्सालयों में वर्तमान समय में सेनिटाइजर, हाइपो सलूशन, क्लोरीन वाटर, ब्लीचिंग सॉलुशन, आदि की बहुत ज्यादा मात्रा में आवश्यकता पड़ रही है और यह महंगे दामों पर मजबूरी में खरीदना पड़ रहा है। जबकि यदि कच्चा माल उपलब्ध हो जाए तो प्रत्येक चिकित्सालय में हॉस्पिटल फार्मेसी के द्वारा फार्मेसिस्ट बहुत आसानी से …

लखनऊ। प्रदेश के चिकित्सालयों में वर्तमान समय में सेनिटाइजर, हाइपो सलूशन, क्लोरीन वाटर, ब्लीचिंग सॉलुशन, आदि की बहुत ज्यादा मात्रा में आवश्यकता पड़ रही है और यह महंगे दामों पर मजबूरी में खरीदना पड़ रहा है। जबकि यदि कच्चा माल उपलब्ध हो जाए तो प्रत्येक चिकित्सालय में हॉस्पिटल फार्मेसी के द्वारा फार्मेसिस्ट बहुत आसानी से यह सभी सामग्रियां तैयार कर सकते हैं।

जो बहुत कम मूल्य में तैयार हो जाएंगी और उनकी गुणवत्ता भी बहुत अच्छी होगी। इसलिए हॉस्पिटल फार्मेसी का कांसेप्ट एक बार फिर से प्रारंभ किया जाना चाहिए। उक्त विचार राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ द्वारा आयोजित गूगल मीट पर एक वेबीनार में उपस्थित फार्मेसिस्टों द्वारा व्यक्त किए गए। वेबिनार की अध्यक्षता स्टेट फार्मेसी काउंसिल उत्तर प्रदेश के पूर्व चेयरमैन एवं राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने की।

यादव ने कहा कि आजादी के 73 वर्ष बीत जाने के बाद भी फार्मासिस्ट संवर्ग अभी तक आजाद नहीं हो सका है, ना तो फार्मेसी का अलग निदेशालय है ना ही फार्मेसी संवर्ग के अधिकार उन्हें प्राप्त हो सके हैं। अनेक संवर्गो के पदनाम बदले गए हैं इसी आसार पर ‘फार्मेसिस्ट’ का पदनाम ‘फार्मेसी ऑफिसर’ किया जाना चाहिए।

बैठक में फार्मेसिस्टों का वेतन ग्रेड पे 4600, फार्मेसी एक्ट 1948 तथा प्रैक्टिस आफ फार्मेसी रेगुलेशन 2015 का पूरी तरह परिपालन कराए जाने की मांग के साथ ही फार्मेसिस्ट का पद नाम बदलेने, ‘जहां औषधि-वहां फार्मेसिस्ट’ के अनुपालन हेतु पदों का सृजन किए जाने तथा सभी वेटरनरी हॉस्पिटल की फार्मेसी में डिप्लोमा इन फार्मेसी या बेचलर फार्मेसिस्ट की नियुक्ति किए जाने, एलोपैथ के साथ ही आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, वेटेनरी आदि विधाओं में भी पदोन्नति के पद सृजित किए जाने तथा संविदा के फार्मेसिस्टों को समान कार्य समान वेतन के आधार पर उनका वेतन बढ़ाए जाने तथा उनका भविष्य सुरक्षित किए जाने के आठ सूत्री मांग पत्र पर भी चर्चा हुई और निर्णय लिया गया कि माननीय मुख्यमंत्री सहित सभी अधिकारियों अनुरोध पत्र भेजे जाएंगे।

वेबीनार में संयोजक केके सचान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जेपी नायक, उपाध्यक्ष राजेश सिंह, संगठन मंत्री राजेश कुमार सिंह, फार्मेसी काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के सदस्य अनिल प्रताप सिंह,डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रांतीय प्रवक्ता अनिल कुमार सचान, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जनपद अध्यक्ष सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, विभिन्न मंडलों के मंडलीय सचिव, जोनल कोऑर्डिनेटर, जनपद के अध्यक्ष व मंत्री प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

देवरिया के अध्यक्ष राजेश तिवारी ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को 24 घंटे चलाने के लिए वहां पर कम से कम तीन पद किए जाने चाहिए, वही संगठन स्तर पर एक चिंतन समिति बनाने का भी सुझाव दिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि 8 सूत्री मांग पत्र से माननीय मुख्यमंत्री जी को अवगत कराते हुए कार्यवाही की मांग की जाएगी साथ ही सिद्धार्थनगर के जिलाधिकारी सहित जो स्थानीय समस्याएं हैं वहां पर स्थानीय प्रशासन को पत्र लिखकर उन से अनुरोध किया जाएगा कि समस्याओं का निराकरण करें।

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