Chaitra Navratri 2023 : प्राचीन श्रीदुर्गा मंदिर में सच्चे मन से आराधना करने पर मैया करती हैं हर मुराद पूरी, लगा रहता है भक्तों का तांता 

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Published By Bhawna
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कोर्ट रोड स्थित प्राचीन श्रीदुर्गा मंदिर का फोटो।

मुरादाबाद, अमृत विचार। पुजारी शास्त्री भास्कर आनंद का कहना है कि शहर के कोर्ट रोड स्थित प्राचीन श्रीदुर्गा मंदिर में माता रानी के दरबार में सच्चे मन से माथा टेकने से भक्तों की हर मुराद पूरी होती है। चैत्र और शारदीय नवरात्र में मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। 150 साल पुराने इस मंदिर में मां की शिलापट स्वयं प्रकट हुई थी। उस समय पूजा-पाठ करने वाले साधु-संतों ने शिलापट को स्थापित किया था। समय बीतने के साथ-साथ मंदिर का जीर्णोद्धार होता रहा। अब मंदिर में काली माता की भव्य मूर्ति सभी के आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा कई देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं, जिसमें मां के अलग-अलग स्वरूप भी हैं।

 बताया जाता है कि कई दशक पहले दुर्गा माता मंदिर के मुख्य द्वार के ठीक सामने विराजमान काली माता की मूर्ति को दिवंगत चित्रकार राम सिंह बना रहे थे। शाम को मूर्ति बनाने के बाद वह सुबह आते थे तो मूर्ति का कुछ हिस्सा जमीन पर गिरा मिलता था। कई दिनों तक ऐसा ही चलता रहा, इससे परेशान होकर चित्रकार ने मूर्ति के सामने दृढ़ संकल्प लिया और फिर अपने अंगूठे का रक्त मां को अर्पित किया। इसके बाद से भव्य मूर्ति बनकर तैयार हो गई। यह मंदिर भी शक्तिपीठों में शामिल है।

 पहले इस मंदिर को चामुंडा मंदिर के नाम से भी जाना जाता था, लेकिन जीर्णोद्धार के बाद अब यह दुर्गा मंदिर के नाम से दूर-दराज तक प्रसिद्ध हो चुका है। नवरात्र के दिनों में मंदिर में घट स्थापना होती है। सुबह और शाम को भव्य आरती होती है। कहते हैं कि मां के दर्शन मात्र से मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है।

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