Happy Birthday Kanpur: आज ही के दिन जिला घोषित कानपुर 220 साल का हुआं, देश का सबसे खुशहाल सिटी बना अपना शहर
Happy Birthday Kanpur आज ही के दिन जिला घोषित हुआ कानपुर 220 साल का हुआ।
Happy Birthday Kanpur आज ही के दिन जिला घोषित हुआ कानपुर 220 साल का हुआ। देश का सबसे खुशहाल सिटी कानपुर शहर बना है।
कानपुर, [महेश शर्मा]। वर्ष 1803 में आज ही के दिन ईस्ट इंडिया कंपनी ने कानपुर को जिला घोषित किया था। कानपुर उम्र 220 साल हो गयी है। यहाँ अंग्रेज़ आकर बसे, पहले उन्होंने छावनी की स्थापना की। 15 परगने मिलाकर बनाए गए कानपुर ज़िले ने कई उतार चढ़ाव देखे। समृद्ध औद्योगिक इतिहास भी देखा तो उद्योगों का कब्रिस्तान भी। कानपुर देहात, कन्नौज, औरैया ये सभी कानपुर जिले का ही हिस्सा थे। 1857 में आजादी की पहली लड़ाई के बाद कानपुर में औद्योगिक सूत्रपात हुआ। सिविल लाइंस स्थित लाल इमली मिल की घड़ी जो लंदन के बिग बेन की तर्ज़ पर बनी है कभी कानपुर का चेहरा हुआ करती थी। ताजा हाल यह है कि घड़ी चालू है पर मिल सालों से बंद है।.
भारत का मैनचेस्टर कहा जाने वाला कानपुर के कपड़ा उत्पाद का डंका पूरी दुनिया में बजा करता था। न्यू विक्टोरिया की कुतिया छाप मारकीन, एलगिन के तौलिए और चादरें, लाल इमली का ब्लैजर, ऊन, अथर्टन मिल्स का वेस्ट इस बेस्ट का स्लोगन, स्वदेशी कॉटन मिल का स्कूल बॉबी चेक शर्टिंग, लक्ष्मीरतन मिल्स का तिरपाल जैसे उत्पादों की धूम मची करती थी। इन्हीं के दम पर कानपुर को ‘मिलों की नगरी’ की पहचान मिली। एक दर्जन बड़ी मिलें थी। इंजीनियरिंग कारखाने, प्लास्टिक कारखाने बहुतायत में थे। जेके उद्योग समूह की मदर यूनिट जेके स्पिनिंग एंड वीविंग मिल्स की स्थापना कालपी रोड पर हुई थी। कानपुर का ट्रेड यूनियन आंदोलन की धाक पूरे देश में हुआ करती थी।
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गंगा तट के किनारे बसा कानपुर के जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर रोशनी से जगमगाता शहर अलौकिक छटा बिखेरता हुआ। [मनोज तिवारी]
महाराष्ट्र में दत्ता सामंत की धाक थी यहां कॉमरेड रामआसरे, दौलत राम, संत सिंह यूसुफ, गणेशदत्त वाजपेयी, पूर्व सांसद सुभाषिनी अली सहगल, अरविंद राजस्वरूप ट्रेड यूनियन क्षेत्र में जाना पहचाना नाम था। 55 दिन की टेक्सटाइल हड़ताल, रेल रोको आंदोलन ने देश को हिला दिया था। यह ट्रेड यूनियन आंदोलन का ही कमाल था कि डिफेंस लीडर एसएम बनर्जी चार बार निर्दलीय सांसद चुने गए। हरिहरनाथ शास्त्री, राजाराम शास्त्री, सुभाषिनी भी यहां सांसद रह चुकी हैं, तो प्रदेश की सरकारर में गणेशदत्त वाजपेयी, रामनायारण पाठक, शिवकुमार बेरिया जैसे लोग मंत्री रहे।
यद्यपि कानपुर शहर में आज लेदर, प्लास्टिक, इंजीनियरिंग, डिटर्जेंट, होजरी, गारमेंट्स मैन्युफैक्चरिंग, टेक्सटाइल, पैकेजिंग, आयरन, स्टील बर्तन, बिस्कुट, मसाले, पान मसाला और वनस्पति से जुड़े लघु उद्योग तेजी से उभर रहे हैं। ये शहर मिलों की नगरी कहे जाने के वक्त भी बड़ी संख्या में कामगारों को रोजगार देता था और आज भी लोगों को रोजगार दे रहा है। दादानगर, फजलगंज, रूमा, कालपी रोड, जाजमऊ, चौबेपुर मंधना, पनकी, भौंती में इसका प्रत्यक्ष उदाहरण देखा जा सकता है।

कानपुर की ऐतिहासिक लाल इमली लाइटों से जगमगाती। [मनोज तिवारी]
देश भर में बनने वाले सात मेगा क्लस्टर टेक्सटाइल पार्क में से एक कानपुर में बनाया जाएगा। प्रदेश में दो टेक्सटाइल पार्क बनाए जाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वस्त्र मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। मेगा टेक्सटाइल क्लस्टर में वस्त्र बनाने से संबंधित सभी हुनरमंद सिलाई-कढ़ाई से लेकर उत्पाद बनाने का कार्य करेंगे। जानकार लोग कहते हैं कि ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कानपुर जल्द ही विकसित शहरों की सूची में शामिल होकर एक बार फिर अपना इकबाल बुलंद करेगा।

रंग-बिरंगी लाइटों में फव्वारों से नहाया कानपुर का ऐतिहासिक जेके टैंपल राधा कृष्ण मंदिर। [मनोज तिवारी]
वैसे तो कानपुर में पहले से ही गणेश शंकर विद्यार्थी चकेरी एयरपोर्ट है। इसका विस्तार भी लगभग पूरा हो चुका है। इसके साथ ही मेट्रो प्रोजेक्ट पर तेजी से काम हो रहा है। आईआईटी से मोतीझील तक मेट्रो दौड़ रही है। इसके अलावा कानपुर देश के प्रमुख रेल रूट का अहम हिस्सा है। दिल्ली से पूर्वी भारत को जाने वाली अधिकतर ट्रेनें कानपुर सेंट्रल से ही होकर गुजरती हैं। दिल्ली-हावड़ा का यह प्रमुख रूट है। सड़क मार्ग में एनएच-2 कानपुर को दिल्ली, आगरा, प्रयागराज और कोलकाता से जोड़ता है।

वहीं दूसरा प्रमुख हाईवे एनएच-25 है, जो लखनऊ से होते हुए झांसी और शिवपुरी तक जाता है। हालांकि आजादी के बाद भी कानपुर ने काफी उन्नति की। यहां आइआइटी, ग्रीनपार्क स्टेडियम और ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों को स्थापित किया गया।
जनवरी में मकर संक्रांति और लोहड़ी से लेकर दिसंबर के क्रिसमस तक शहर में गजब का सांप्रदायिक सद्भाव दिखता है। इस माह और अप्रैल तक नवरात्र, रमजान का अद्भुत संयोग का नजारा देखने को मिल रहा है। सभी धर्म के लोग एक दूसरे के साथ उनके त्योहारों में न केवल शरीक होते हैं बल्कि समान उत्साह और जुनून से लबरेज होकर त्योहारों की तैयारियां भी कराते हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण शहर के प्रसिद्ध होली के त्योहार में देखने को मिलता है। जब सभी धर्म के लोग कानपुर के साप्ताहिक होली कार्यक्रम में शरीक होते हैं। बता दें कि कानपुर एक मात्र ऐसा शहर है जहां एक हफ्ते तक यानि होलिका जलने के बाद से अनुराधा नक्षत्र वाले दिन तक होली खेली जाती है।

कानपुर का लवकुश गंगा बैराज गंगा की धारा में तिरंगी लाइटें छटा बिखेरता हुई। [मनोज तिवारी]
लोग जानते हैं कि फूलबाग, मोतीझील, जेके मंदिर और जैसी दर्शनीय जगह हैं। लेकिन पिछले 20 वर्षों की बात करें तो कानपुर में रेव मोती, साउथ एक्स मॉल, जेड स्क्वॉयर मॉल, कारगिल पार्क, ब्लू वल्र्ड वाटर पार्क जैसी जगहाें को निर्माण हुआ। इनके अलावा अटल घाट को भी मनोरंजन और पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया गया है। शहर से जुड़ी बड़ी हस्तियों में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, सिंहानिया उद्योग समूह, गायक अभिजीत भट्टाचार्य, क्रिकेटर कुलदीप यादव आदि शामिल हैं।
साठ का दम: नई उमर की नई फसल
यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2023 में जब कानपुर के विकास के लिए 85 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव सरकार को मिले तो कनपुरियों की बांछे खिल उठी। एक नयी उम्मीद जगी कि इतना बड़ा निवेश शहर की तस्वीर बदल सकता है। बदहाली खुशहाली में बदल सकती है। इस निवेश की खासबात यह है कि युवाओं की तरुणाई जागी। औद्योगिक पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले युवाओं विदेश में मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी करके कानपुर से बाहर भविष्य तलाशने के बजाय कानपुर में ही शुरुआत करने का निर्णय लिया।
कार्तिक कपूर
निखिल खन्ना

ललित श्यामदासनी
युवा उद्यमियों ने यूथ वर्क्स एसोसिएशन का गठन किया और कानपुर के साथ 60 चुनींदा युवा उद्यमियों को उसका सदस्य बनाया। इस एसोसिएशन के अध्यक्ष तीस वर्षीय कार्तिक कपूर कैलकॉम कंसलटेंसी प्रा.लि. के निदेशक हैं। इनकी साइकिल पार्ट्स की फैक्टरी भी है। कार्तिक का कहना है कि वह यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में शामिल होने के लिए लखनऊ गए थे। कानपुर में 300 करोड़ रुपया निवेश करने का उनका प्लान है। कार्तिक कहते हैं कि वह पेपर मिल लगाने जा रहे हैं। करीब 100 करोड़ का निवेश करेंगे। इसके अलावा किदवई नगर में शॉपिंग मॉल, दादानगर में
विशाल वेयरहाउस का निर्माण की योजना को पंख लग चुके हैं।
कार्तिकेय गर्ग
समयक जैन

सौम्या टकरू जैन
यूथ वर्क्स एसोसिएशन से जुड़े 60 सदस्य कानपुर के विकास में योगदान दे रहे हैं। इन सबकी उम्र 35 साल से कम ही होगी। निखिल खन्ना निदेशक दिति इंडस्ट्रीज, ललित श्यामदासानी निदेशक हिमांगी पैक प्रा.लि.,कार्तिकेय गर्ग निदेशक सीजी कारपोरेशन, सम्यक जैन निदेशक ट्रिनवायरो प्रा.लि., सौम्या टकरू जैन लॉर्ड शिवा इंटरनेशनल सरीखे युवा उद्यमी कानपुर के नव विकास के पक्षधर हैं। विकास को लेकर इनकी अपनी सोच और दृष्टि है।
देश का सबसे खुशहाल सिटी अपना कानपुर
बड़े गर्व की बात है कि कानपुर ने सबसे खुशहाल शहरों की सूची में जगह बनाई है। सूची में भारत का एकमात्र शहर भी है। हैप्पीएस्ट सिटी इंडेक्स ने दुनिया भर के उन 40 शहरों की सूची जारी की है जो पर्यटकों के लिए आदर्श हैं। सूची में, केवल एक भारतीय शहर है, और वह शहर कानपुर है जो 11वें नंबर पर है। कानपुर चमड़े के उत्पाद, समृद्ध विरासत, स्वादिष्ट भोजन, प्यारे पार्क, जीवंत नाइटलाइफ़ और बाजारों के लिए प्रसिद्ध है। यह फ्रेंडली पीपुल फैक्टर में नौवें स्थान पर है। इस जगह पर रहने की लागत 311.38 है और जीवन प्रत्याशा 70.42 है। सूची में पहले पांच खुशहाल शहर लिस्बन, बार्सिलोना, एथेंस, रोम और सिडनी थे। सूची का निर्णय खुशियों के विभिन्न कारकों जैसे दोस्ताना लोग, धूप, जीवन प्रत्याशा, रहने की लागत और साप्ताहिक काम के घंटों के आधार पर किया गया था। आश्चर्यजनक रूप से, सूची में सभी 40 सबसे खुशहाल शहरों में जाने के लिए कानपुर सबसे सस्ता स्थान है।
