Chaitra Navratri 2023 : नवरात्र में 31 अखंड ज्योत से होती है दुर्गा मां की आराधना, जानें दुर्गा भवन मंदिर की स्थापना के पीछे की कहानी

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Published By Bhawna
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दुर्गा भवन मंदिर, बुध बाजार

मुरादाबाद,अमृत विचार। शहर के बुध बाजार स्थित दुर्गा भवन मंदिर की महिमा अपरंपार है। इस मंदिर से जुड़े कई चमत्कारिक इतिहास से लोगों की माता के प्रति आस्था और प्रबल होती है। नवरात्र में मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए शहर ही नहीं, आसपास के क्षेत्रों, दूसरे जिलों और प्रदेशों से लोग यहां आते हैं। दिल्ली के रहने वाले दंपति की आस्था से प्रभावित होकर मां ने उनके कष्ट हर लिए थे।

विवाहिता ने मंदिर में आते ही मां के सामने संतान प्राप्ति की मनोकामना रखी। पुजारी ने मां पर भरोसा रखने के लिए कहा। उसकी पूजा और आस्था का ही प्रभाव ही था कि मां के प्रसाद से उसकी गोद भर गई। ऐसी जगतजननी मां दुर्गा के दरबार में जो भी भक्त सच्चे मन से आते हैं, माता रानी उसकी मनोकामना पूरी करती हैं।

मंदिर की स्थापना के पीछे की कहानी यह है कि पाकिस्तान से आए किशनलाल, हंसराज सुमन आदि मंडली बनाकर रात में माता का जागरण करते थे। इनके मन में यहां पर मां का मंदिर बनाने का विचार आया। 1950 में पैसा जुटाने के बाद जमीन खरीदी और फिर मंदिर बनाया। पहले छोटा मंदिर था, लेकिन बाद में भव्य मंदिर बना। मंदिर की स्थापना 12 मार्च 1959 को गुरुचरण दास ने की थी।

दुर्गा माता की प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति मन को मोह लेती है। इस मंदिर में मां संतोषी, हनुमान जी, शिव परिवार, राधा-कृष्ण, राम दरबार, लक्ष्मी नारायण समेत कई और देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। सुबह छह बजे और शाम को सात बजे आरती होती है। नवरात्र में 31 अखंड ज्योत से माता रानी की आराधना होती है। नवरात्र में हर दिन भजन-कीर्तन होते हैं।-पंडित परमराज जोशी, प्रधान पुजारी 

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