रायबरेली: अंबर से फिर हुई आफत की बरसात, धरा पर बहा किसानों का आंसू

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Published By Deepak Mishra
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शिवगढ़ (रायबरेली) अमृत विचार। शनिवार को प्रातः काल अचानक फिर से बिगड़े मौसम के मिजाज से अन्नदाता एक बार फिर गहरे सदमे में डूब गए हैं। आसमान से हुई आफत की बरसात में धरा पर फसलों को चौपट कर दिया है। ज्ञात हो कि बीते दिनों 4 दिन तक लगातार हुई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि एवं तेज हवा के झोंकों ने जमकर तबाही मचाई थी जिसके कहर से आम, गेहूं, सरसों, आलू ,चना, मटर, धनिया, मसूर, वहकला सहित फसलों को भारी नुकसान हुआ है। 

चार दिनों की बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि के बाद जब 2 दिनों के लिए मौसम साफ हुआ तो सदमे में डूबे किसानों ने थोड़ी राहत की सांस ली सोचा बेमौसम बारिश,तेज हवा और ओलावृष्टि से फसल को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई तो नहीं की जा सकती किंतु जितना जो बचा है अगर वही सुरक्षित घर आ जाए तो कम से कम किसी तरह परिवार की जीविका चल जाएगी। किन्तु प्रकृति को यह भी मंजूर नहीं शनिवार को प्रातः काल अचानक तेज हवा के साथ हुई बेमौसम बारिश ने बची कसर पूरी कर दी।

बेमौसम बारिश एवं तेज हवा के झोंको से शेष बची फसल भी गिरकर चौपट हो गई है। पुनः बिगड़े मौसम के मिजाज ने किसानों की नींद उड़ा दी है चैन सुकून छीन लिया है। किसानों को चिंता है कि किसान क्रेडिट कार्ड एवं दूसरों से कर्ज लेकर और दिन- रात खून पसीना जलाकर किसी तरह फसल तैयार की थी।जब फसल कटने का समय आया तो प्रकृति ने ऐसा कहर ढाया की पूरी फसल चौपट हो गई। अब कहां से कर्ज की अदायगी करेंगे और कैसे परिवार की जीविका चलाएंगे। 

जिला पंचायत सदस्य अंजली पासी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य केतार पासी, कांग्रेस कमेटी के शिवगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष एडवोकेट गौरव मिश्रा, सपा ब्लॉक अध्यक्ष भानु प्रकाश पटेल, कृषक देवतादीन पासवान, राजकुमार पासी, पूर्व प्रधान रामहेत रावत, सूरज सिंह, अखिलेश शुक्ला, रामहर्ष, मायाराम रावत, अंकित वर्मा, महेंद्र वर्मा सहित किसानों एवं जनप्रतिनिधियों ने सरकार से मांग की है कि बारिश एवं ओलावृष्टि से हुए नुकसान का पारदर्शिता पूर्वक आकलन कराकर बारिश एवं ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाए।

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