बरेली: करोड़ों खपाए मगर कहां और कैसे... ब्योरा नहीं दे पाए, पौने तीन घंटे तक चली विकास कार्यों की समीक्षा

प्रभारी मंत्री के सवालों में घिरे जल निगम और पीडब्ल्यूडी के अफसर, निर्माण कार्यों में गड़बड़ियों की सूचना डीएम-कमिश्नर को जांच का आदेश,, सर्वाधिक खामियां निर्माण कार्यों में मिलीं

बरेली: करोड़ों खपाए मगर कहां और कैसे... ब्योरा नहीं दे पाए, पौने तीन घंटे तक चली विकास कार्यों की समीक्षा

बरेली, अमृत विचार : सड़कों जैसे तमाम बड़े बजट के निर्माण कार्य कराने वाले पीडब्ल्यूडी, जल निगम और जल मिशन ग्रामीण समेत कई विभागों के अफसर शनिवार को प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह के सवालों में घिरे नजर आए। कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक के दौरान वे इतना ही बता सके कि कितनी धनराशि के काम कराए हैं।

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कहां और कैसे इन कामों का चयन किया गया, गुणवत्ता का क्या स्तर है, इन सवालों का जवाब नहीं दे सके। इस पर सख्त नाराजगी जताते हुए प्रभारी मंत्री ने डीएम और कमिश्नर को जल निगम और पीडब्ल्यूडी समेत कई विभागों के निर्माण कार्यों की जांच कराकर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। दोपहर करीब एक बजे शुरू हुई समीक्षा बैठक करीब पौने तीन घंटे तक चली।

प्रभारी मंत्री ने डीएम को निर्देश दिया कि जल जीवन मिशन के तहत जिले में कराए जा रहे दो सालों के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और प्रगति की जांच कराने के साथ अगर उसमें कोई कमी पाई जाए तो कार्रवाई करें। जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर डीएम को ट्यूबवेल रिबोरिंग में गड़बड़ियों की शिकायतों की भी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा।

जीएम डेयरी ने मंत्री को बताया कि जिले में 170 दुग्ध उत्पादन समितियां हैं जो दुग्ध उत्पादन करती हैं। इनमें 50-60 समितियां निष्क्रिय हैं। मंत्री ने इस पर सख्त नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए कि दुग्ध उत्पादन समितियों को सक्रिय कर ज्यादा से ज्यादा दूध का उत्पादन कराया जाए।

उन्होंने कहा कि करगैना में पराग डेयरी प्लांट में दूध उत्पाद की क्षमता प्रतिदिन एक लाख लीटर है, लेकिन वास्तविक दुग्ध उत्पादन 22000 लीटर ही है। उन्होंने इस पर नाराजगी जताई, कहा कि दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।

अफसरशाही की बेपरवाही सारी समस्याओं की एक वजह, जनसमस्याओं के लिए भाजपा नेताओं के निशाने पर रहे नीचे से ऊपर तक के अफसर: जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों की बैठक से लेकर समीक्षा होने तक अफसर निशाने पर रहे।

बैठक में सांसद संतोष गंगवार के साथ विधायकों ने भी शहर में सड़कों को मनमानी से खोदने और उन्हें दुरुस्त न कराने से लोगाें के चोटिल होने, गांवों में पेयजल लाइन बिछाकर सड़कें खुदी छोड़ देने, पाइप लाइन बिछने के बाद भी गांवों में सप्लाई न आने और टंकी न लगने के मुद्दे बैठक में रखे। चौपुला ओवरब्रिज से अटल सेतु के दो साल बाद भी न जुड़ने का मामला भी उठाया।

भाजपा महानगर अध्यक्ष डॉ. केएम अरोड़ा ने नगर निगम पर टैक्स की धनराशि पर चक्रवृद्धि ब्याज जोड़कर नोटिस भेजने की शिकायत की। इसके अलावा करोड़ों मिलने के बाद भी बिजली की जर्जर लाइनें न बदलने, अनियोजित ढंग से सड़कें खोदने, फाइलेरिया की दवा न बांटने के मामले उठाए। एआरवी लगाने में गड़बड़ी की भी कही। आरोप लगाया कि एक एआरवी लगाने के बाद मरीज से चार डोज बाहर से मंगाई जा रही है। मंत्री ने सीएमओ को जांच कराने के निर्देश दिए।

बिथरी विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने रामगंगा डैम का निर्माण कई साल से अधूरा होने का मामला उठाते हुए ग्राम्य वन मंझा को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए वहां नेचुरोपैथी केंद्र, आयुर्वेदिक और ध्यान केंद्र बनवाने का सुझाव दिया मंत्री ने प्रस्ताव मांग लिया।

विधायक संजीव अग्रवाल ने अधिकारियों से तालमेल को और बेहतर करने की बात कही। संतोष गंगवार ने अपने निर्वाचन क्षेत्र की सड़कों की खराब स्थिति और गोशालाओं की कमी का भी मुद्दा उठाया। कई विधायकों ने भी जिले में गोशाला बढ़ाने को कहा ताकि फसलों के नुकसान को बचाया जा सके।

मंत्री ने उप निदेशक कृषि को निर्देश दिए कि बीज वितरण क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में ही कराएं। गन्ना विभाग को बकाया का भुगतान जल्द कराने को कहा। जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल, एमएलसी कुंवर महाराज सिंह, विधायक डॉ. श्याम बिहारी लाल, डॉ. डीसी वर्मा, डॉ. एमपी आर्य, जिलाध्यक्ष पवन अरोड़ा, महानगर अध्यक्ष केएम अरोड़ा,

भाजपा नेता अनिल कुमार, कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, आईजी डॉ. राकेश सिंह, डीएम शिवाकान्त द्विवेदी, एसएसपी प्रभाकर चौधरी, सीडीओ जग प्रवेश, वीसी बीडीए जोगेंदर सिंह, एडीएम प्रशासन ऋतु पूनिया, एडीएम वित्त एवं राजस्व संतोष बहादुर सिंह आदि भी उपस्थित रहे।

भूमाफिया को चिन्हित कर कार्रवाई करें: प्रभारी मंत्री ने कानून-व्यवस्था की समीक्षा कर एसएसपी को निर्देश दिए कि मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले और जमीनों पर कब्जा करने वाले माफिया को चिह्नित कर सख्त कार्रवाई करें। खनन की समीक्षा करते हुए कहा कि कोई व्यक्ति निजी उपयोग के लिए मिट्टी खनन कर रहा है तो उस पर कोई कार्रवाई न करें। नगर निगम को निर्देश दिए कि नगर निकाय चुनाव से पहले किसी भी कर में कोई वृद्धि न की जाए।

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