मुरादाबाद : योजनाबद्ध तरीके से भाजपा नेता पर पुलिस ने कसा शिकंजा

महज दो दिन पहले अपहरण के आरोप में भेजा था जेल, पूर्व ब्लाक प्रमुख को नहीं लग पाई थी पुलिस योजना की भनक

मुरादाबाद : योजनाबद्ध तरीके से भाजपा नेता पर पुलिस ने कसा शिकंजा

मुरादाबाद, अमृत विचार। भाजपा नेता ललित कौशिक फिलहाल कानून के जाल में फंस चुके हैं। महज दो दिन पहले अपहरण के आरोप में जेल भेजे गए पूर्व प्रमुख मूंढापांडे फिलहाल कुशांक की हत्या की साजिश रचने के आरोपों से घिरे हैं। सोमवार को पुलिस ने जिस रूप में भाजपा नेता पर शिकंजा कसा, उससे बच निकलना ललित कौशिक के लिए आसान नहीं होगा। 

पुलिस फिलहाल भाजपा नेता के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत करने की संभावनाओं को टटोल रही है। पुलिस ने 24 मार्च को ललित कौशिक के खिलाफ मूंढापांडे थाने में पहले अपहरण का वह मुकदमा दर्ज किया गया, जिसे करीब तीन माह पहले अंजाम दिया गया था। मामले में पूर्व प्रमुख को जेल भेजे जाने की घटना को राजनीतिक उठापटक से जोड़ कर देखा गया। भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य व अधिवक्ता रामवीर सिंह व ललित कौशिक के बीच की पुरानी प्रतिद्वंद्विता किसी से छिपी नहीं है। 

ललित कौशिक व रामवीर सिंह के बीच कचहरी परिसर में मारपीट व धमकी देने का मामला भी आम है। पूर्व में कई बाद दोनों ही भाजपा नेता कई बार विभिन्न मामलों में आमने सामने भी हो चुके हैं। फिर भी पुलिस दोनों नेताओं के टकराव से किनारा कसरती रही। 25 मार्च को अचानक पुलिस ने ललित कौशिक को गिरफ्तार कर लिया। छानबीन में पता चला कि मूंढापांडे के रहने वाले ओमप्रकाश ने ललित कौशिक पर अपहरण, मारपीट व धमकी देने के आरोप में केस दर्ज कराया है। तब पुलिस के बदले तेवर को कोई भांप नहीं सका। 

रविवार को पौ फटते ही पता चला कि तड़के करीब तीन बजे पुलिस ने ललित  कौशिक के रामगंगा विहार स्थित आवास पर छापेमारी की। वहां से आठ लाख रुपये नगदी व प्रतिबंधित मैगजीन बरामद की। प्रभारी निरीक्षक मूंढापांडे आरपी सिंह की तहरीर पर सिविल लाइंस पुलिस ने अवैध तरीके से घर में नगदी व प्रतिबंधित मैगजीन रखने के आरोप में पूर्व प्रमुख के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया। दूसरे ही दिन सोमवार को खुशवंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सभी को चौंका दिया। एसएसपी ने दो टूक कहा कि दो साल पहले की गई कुंशाक गुप्ता की हत्या का पूरा तानाबाना ललित कौशिक ने ही बुना था। एसएसपी के खुलासे से साफ हो गया कि पुलिस की योजना की भनक कानोंकान पूर्व प्रमुख को नहीं हो पाई। 

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