मुरादाबाद: कुशांक के हत्यारोपियों ने ही सीए श्वेताभ के भी सिर में मारी थी गोली, मामले में खुलासा

मुरादाबाद: कुशांक के हत्यारोपियों ने ही सीए श्वेताभ के भी सिर में मारी थी गोली, मामले में  खुलासा

मुरादाबाद, अमृत विचार। सीए श्वेताभ तिवारी हत्याकांड को अंजाम देने का आरोपी शूटर केशव सरन शर्मा बेहद शातिर व चालाक है। यह दावा करते एसएसपी ने बताया कि कुंशाक गुप्ता हत्याकांड के सिर में गोली मारने वाले शातिर केशव ने ही सीए श्वेताभ तिवारी को मौत के घाट उतारा। फिल्म दृश्यम की तर्ज पर सनसनीखेज वारदात अंजाम देने के बाद केशव मौके से फरार हो गए। दिल्ली रोड से केशव को भगाने में हरथला निवासी खुशवंत सिंह ने ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कुंशाक की हत्या के बाद केशव सरन शर्मा को मौके से भगाने में खुशवंत ही मददगार बना। दोनों पूर्व ब्लाक प्रमुख ललित कौशिक के करीबी हैं। 

कुशांक हत्याकांड की तर्ज पर ही 15 फरवरी की रात करीब आठ बजे केशव सरन शर्मा व खुशवंत सिंह बाइक पर सवार होकर दिल्ली रोड स्थित सीए श्वेताभ तिवारी के आफिस के सामने पहुंचे। बाइक सवार शूटर सीए के आफिस से निकलने का इंतजार करने लगे। डेढ़ घंटे इंतजार के दौरान शूटरों को एक ही मौका हाथ लगा, जब श्वेताभ अकेले थे। मोबाइल फोन पर बातचीत से पूर्व जब वह आफिस से बाहर निकले, तभी केशव सरन शर्मा उन्हें मारने की कोशिश में आगे बढ़ा। तब सीए के अलावा घटना स्थल पर दो अन्य लोग भी मौजूद थे। ऐसे में केशव वापस लौट आया। 

उधर, सीए अपने कारोबारी पार्टनर से कार में बैठकर बातें करने लगे। इधर, केशव घात लगातार सीए के अकेले में मिलने का इंतजार कर रहा था। इस बीच ही सीए के मोबाइल फोन पर काल आई और वह कार से निकल कर बातों में मशगूल हो गए। तभी केशव सीए के समीप पहुंचा और श्वेताभ तिवारी के सिर में पीछे से पहली गोली मारी। गोली लगने के बाद केशव ने घायल श्वेताभ पर ताबड़तोड़ फायर झोंका। सीए की मौत सुनिश्चित होने के बाद केशव सरन शर्मा घटना स्थल से बाइक पर सवार होकर खुशवंत सिंह के साथ भाग निकला।

कानून को गुमराह करने की शूटर ने बनाई योजना 
एसएसपी ने बताया कि शातिर केशव सरन शर्मा पूर्व ब्लाक प्रमुख का दूर का रिश्तेदार है। सीए को मौत के घाट उतारने से पहले उसने अपनी मौजूदगी अनयत्र दिखाने की योजना बनाई। अमूमन दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में रहने वाला केशव सरन शर्मा वारदात के ऐन वक्त मुरादाबाद पहुंचा था।वारदात से ठीक पहले केशव के मोबाइल फोन का अंतिम लोकेशन लाकड़ी फाजलपुर के आसपास मिला था। इसके बाद दूसरे दिन केशव का लोकेशन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मिला। 

कानून के हत्थे चढ़े केशव ने बताया कि वह ला ग्रेजुएट है। कुशांक हत्याकांड को अंजाम देने से पूर्व भी उसने अपने मोबाइल फोन का लोकेशन जानबूझ कर अनयत्र दिखाया था। ताकि प्रथमदृष्टया उसके उपर पुलिस को संदेह न हो सके। सीए हत्याकांड से पूर्व भी उसने यही तरकीब अपनाई। सीए को मौत के घाट उतारने के बाद वह देहरादून रवाना हो गया। पुलिस को गुमराह करने की कोशिश में शातिर शूटर ने खुद को ट्रेन यात्री के रूप में पेश किया।

ट्रेन का टिकट उसने पुलिस के सामने पेश किया। बताया कि देहरादून में अपहरण व लूट के मामले में दर्ज अपने मुकदमे की पैरवी करने वह उत्तराखंड की राजधानी पहुंचा था। सर्विलांस व पुलिस की जांच से पता चल गया कि 16 फरवरी को केशव के मुकदमे की तारीख ही देहरादून में नहीं थी। ऐसे में संदिग्ध केशव पर पुलिस का शक गहरा गया। सख्ती से पूछताछ में उसने पूरी घटना का राज उगल दिया।

दो बहुचर्चित हत्याकांड में समानता से ठनका पुलिस का सिर  
 एसएसपी ने बताया कि करीब 13 माह के भीतर मुरादाबाद में हत्या की दो सनसनीखेज घटनाओं में काफी समानता है। जांच के दौरान ऐसे तथ्य हाथ लगने से पुलिस का सिर चकरा गया। सीए श्वेताभ तिवारी हत्याकांड में कातिलों की तलाश कर रही पुलिस ने दोनों ही घटनाओं की सीसीटीवी कैमरों की वीडियो फुटेज पर गौर किया। दोनों ही वीडियो फुटेज में शूटर द्वारा हत्या करने का तरीका लगभग एक था। कुशांक गुप्ता व सीए श्वेताभ तिवारी के सिर में पीछे से गोली मारी गई थी।

यही नहीं कैमरे में कैद दोनों ही शूटर का हुलिया एक जैसा था। दोनों ही घटनाओं में पुलिस ने केशव सरन शर्माा को संदिग्ध मान कर पूछताछ की। पुलिस के आरोपों को खारिज करने की कोशिश में केशव ने जो तरीका अपनाया, उसमें समानता थी। यूं कहें कि कुशांक गुप्ता की हत्या के दौरान अपनाया गया तरीका ही केशव सरन शर्मा के साथ ही पूर्व प्रमुख ललित कौशिक के गले की फांस बन गई। पुलिसिया जांच के दौरान वारदात में शामिल सभी चार अभियुक्त बेनकाब हो गए।

वाट्सएप पर होती थी दोनों की बातें
एसएसपी ने बताया कि ललित कौशिक व केशव सरन शर्मा शातिर बदमाश हैं। बातचीत के लिए दोनों मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे। लेकिन, बात सिर्फ वाट्सएप काल पर होती थी। कुशांक हत्याकांड के बाद दोनों के बीच सामान्य काल पर एक भी बात नहीं हुई। लेकिन, दोनों के मोबाइल फोन के वाट्सएप का रिकार्ड खंगालते ही पुलिस का सिर चकरा गया। दोनों लगातार आपस में बातें करते थे। इसके साक्ष्य पुलिस ने संकलित कर लिया है। इसके अलावा वारदात में शामिल दो अन्य अभियुक्त विकास शर्मा व खुशवंत सिंह भी मोबाइल फोन पर बातचीत के लिए वाट्सएप काल का इस्तेमाल करते थे।

करोड़ों के मालिक सीए श्वेताभ की जान पर भारी पड़ी साले की गलत सोहबत 
सीए श्वेताभ तिवारी हत्याकांड का एसएसपी ने चौंकाने वाला राजफाश किया। एसएसपी ने बताया कि श्वेताभ तिवारी के साले संदीप ओझा की गलत सोहबत बहनोई के गले की फांस बन गई। साले से बातचीत में ललित कौशिक व उसकी टीम को पता चल चुका था कि सीए श्वेताभ तिवारी व कारोबारी पार्टनर व रिश्ते में साले संदीप ओझा के पास अरबों की संपत्ति है। पूर्व ब्लाक प्रमुख व उसके गुर्गों ने सीए श्वेताभ तिवारी को अरबों की संपत्ति हड़पने की राह का कांटा माना। ऐसे में शातिर कातिलों ने योजना बनाकर सीए को मौत के घाट उतार दिया। 

एसएसपी ने बताया कि महानगर के रामगंगा विहार स्थित साईं गार्डेन में रहने वाले सीए इसके पूर्व सिटी कोतवाली क्षेत्र स्थित रेती मोहल्ले में निवास करते थे। तब उनका साला संदीप ओझा भी बहनोई के घर रहता था। रेती मोहल्ले के ही रहने वाले विकास उर्फ गुग्गू से संदीप ओझा की मित्रता हो गई। दोनों आए दिन कांठ रोड स्थित लवीना रेस्टोरेन्ट में बैठते थे। खाने पीने के दरम्यान ही ललित कौशिक व उसके गुर्गों से दोनों की मुलाकात हुई। बातचीत में पूर्व ब्लाक प्रमुख को पता चला कि श्वेताभ तिवारी व उनका साला संदीप ओझा करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। श्वेताभ तिवारी ने अपने साले संदीप ओझा को कई कंपनियों का डायरेक्टर बना दिया था। 

पूछताछ में शूटर केशव सरन शर्मा ने पुलिस को बताया कि संदीप ओझा की सरलता व सीधेपन का लाभ उठाकर उन्होंने पहले सीए की संपत्ति के बावत सूचनाएं एकत्र कीं, फिर ललित कौशिक व विकास के साथ मिलकर श्वेताभ तिवारी की हत्या की योजना तैयार की। सीए की हत्या के बाद पूरी संपत्ति पर संदीप ओझा का कब्जा होना स्वाभाविक था। तब ललित कौशिक के शातिर दिमाग व ऊंची पकड़ का इस्तेमाल करते हुए सीए की करोड़ों की संपत्ति हथियाने का प्लान तैयार किया गया।

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