हल्द्वानीः सरनाकोठी भोटियापड़ाव मामला- प्राधिकरण में होगी सुनवाई, फिर होगी आगे की कार्यवाही

हल्द्वानीः सरनाकोठी भोटियापड़ाव मामला- प्राधिकरण में होगी सुनवाई, फिर होगी आगे की कार्यवाही

हल्द्वानी, अमृत विचार। सरना कोठी भोटियापड़ाव और कोतवाली में सोमवार आधी रात तक हुए बखेड़े के बाद मंगलवार को गहमागहमी बनी रही। कयासों का बाजार गरम रहा और दिन भर तरह-तरह की चर्चाओं की दौर चलता रहा।

पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जिम्मेदार लोगों की बैठक में आगे की कार्यवाही को लेकर मंथन चलता रहा। सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि अवैध निर्माण से संबंधित अभिलेखों की जांच और प्राधिकरण में पक्ष रखने के बाद जांच के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।

गौरतलब है कि सोमवार देर शाम सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह की अगुवाई में प्राधिकरण की टीम ने सरनाकोठी भोटियापड़ाव में जफर सिद्दीकी के मकान के बेसमेंट को सील कर दिया था। आरोप है कि यह निर्माण नजूल की भूमि पर बिना नक्शा पास कराए बनाया गया।

बताया गया कि इस दौरान इस भवन में नमाज पढ़ने की शिकायत को लेकर क्षेत्रीय लोगों का इमाम शाहिद हुसैन और साथ मौजूद नमाजियों से विवाद हो गया था। 

इस दौरान वहां साथियों के साथ पहुंचे मुकेश भट्ट उर्फ मुक्की की मुस्लिम धर्मगुरु और नमाजियों के साथ मारपीट होने के बाद माहौल गर्म हो गया और इसे एक युवक ने फेसबुक पर लाइव कर दिया जिसके बाद सैकड़ों लोगों की भीड़ ने धार्मिक गुरु के साथ मारपीट करने का आरोप लगाते हुए कोतवाली का घेराव कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी।

मंगलवार का पूरा दिन तमाम अंदेशों से भरा रहा। एसएसपी पंकज भट्ट के दफ्तर में पूरे दिन बैठक चलती रही। इसमें सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, एडीएम एफआर शिवचरण द्विवेदी, एसडीएम मनीष सिंह, एसपी सिटी हरबंस सिंह, एसपी क्राइम डॉ.जगदीश चंद्र, सीओ सिटी भूपेंद्र सिंह धौनी, समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी और ए़डवोकेट जफर सिद्दीकी आदि मौजूद रहे।

बताया गया कि मंगलवार को जिस भवन को सील किया गया, वो नजूल की भूमि पर है। न तो भूमि को फ्री होल्ड कराया गया और न ही भवन बनाने से पहले नक्शा पास कराया गया। उधर, चर्चा चली कि इस भवन को गिराया जा सकता है, लेकिन बाद में पुलिस-प्रशासन द्वारा इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई। 

इस संबंध में सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने बताया कि मौके पर सामने आया कि मस्जिद जैसा परिसर बनाया गया था, उसको सील कर दिया गया है। अब जिला विकास प्राधिकरण के सचिव इस प्रकरण में सुनवाई करेंगे और नियमों के अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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