LDA News : लखनऊ विकास प्राधिकरण में शामिल होंगे छूटे 45 गांव, जानिए क्या होगा फायदा 

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Published By Jagat Mishra
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लखनऊ औद्योगिक प्राधिकरण के गांवों का दोबारा जाएगा प्रस्ताव

अमृत विचार, लखनऊ । लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा) के 45 गांव लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में शामिल होंगे। इस आशय का प्रस्ताव पूर्व में शासन ने आपत्ति जताते हुए वापिस कर दिया था। इस कारण यह गांव छूट गए थे। जिसका प्रस्ताव दोबारा बनाकर बोर्ड बैठक के माध्यम से अनुमति के लिए शासन को भेजा जाएगा।

लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) का स्वरूप बदलेगा और क्षेत्रफल भी बढ़ेगा। जिले के सभी ब्लॉक के अलावा बाराबंकी व उन्नाव सीमा का कुछ क्षेत्र शामिल करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। वहीं, लीडा के 45 गांव भी शामिल किए जाएंगे। जो औद्योगिक विकास के लिए लीड ने लिए थे। पूर्व में हुई बोर्ड बैठक में एलडीए ने इन गांवों को शामिल करने के लिए बोर्ड बैठक की सहमति पर शासन को प्रस्ताव भेजा था। जो आपत्ति जताते हुए वापस कर दिया गया था। जिसका एलडीए ने दोबारा स्वीकृति के लिए प्रस्ताव बनाया और 10 अप्रैल को होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। जिसमें सबसे पहले इन गांवों को लीडा से बाहर करने की अनुमति ली जाएगी। इन सभी प्रस्तावों पर शासन की मुहर लगी तो लखनऊ महानगर विकास प्राधिकरण के गठन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

लखनऊ का यह क्षेत्र होगा शामिल
सरोजनी नगर, काकोरी, मलिहाबाद, बख्शी का तालाब, गोसाईगंज, मोहनलालगंज, महोना, इटौंजा, मलिहाबाद, नगराम के अलावा बंथरा, गोसाईगंज नगर पंचायत का पूरा क्षेत्र शामिल होगा। यह क्षेत्र छूट गए थे। जिनकी अनुमति मिलने पर अधिसूचना जारी की जाएगी।

लोकापर्ण के बाद सड़क का होगा नामकरण : गोमती नदी के बायें तटबंध पर फोरलेन सड़क का निर्माण किया गया था। जिसका लोकार्पण रक्षामंत्री व मुख्यमंत्री ने 31 अगस्त 2021 को किया था। इस सड़क से शहीद पथ से पिपराघाट तक आवगम आसान हो गया है। लेकिन सड़क का नामकरण नही हुआ है। जो एलडीए बोर्ड बैठक में नामकरण का प्रस्ताव रखेगा। इसी तरह जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जनेश्वर मिश्र पार्क के पास बनाई गई रोड जी-20 नाम से रोड के परिचालन के माध्यम से प्रस्ताव रखा जाएगा।

स्टेडियम के पास मिलेंगे भूखंड : अटल बिहारी वाजपेयी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के पास 51069.12 वर्गमीटर पर सीबीडी योजना के तहत स्वीकृत तलपट मानचित्र में फ्यूचर प्लानिंग का भी प्रस्ताव बनाय गया है। जिसमें यहां भूमि की बिक्री बढ़ाने व स्थानीय आवश्यकता की पूर्ति के लिए छोटे-छोटे भूखंड दिए जाएंगे। सरकारी संस्थान, अस्पताल, बहुमंजिले भवन, रेस्टोरेंट व होटल संचालित किए जा सकेंगे।


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