Nagar Nikay Chunav 2023 : अलीगढ़ में ई-रिक्शा के ऊपर बैठकर पार्षद प्रत्यासी पहुँचा पर्चा भरने, कभी जूतों की माला पहन किया था प्रचार

Amrit Vichar Network
Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, अलीगढ़ । चुनाव में अलग ढंग से नामांकन या प्रचार करने के मामले हर बार सामने आते ही रहते हैं, ये अब आम बात हो गया है। इसी तरह से इस बार भी एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। दरअसल उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में अलीगढ़ से भी एक प्रत्याशी पार्षद के लिए नामांकन भरने ई-रिक्शा के ऊपर बैठकर जाता नजर आया, और अब उसकी तस्वीरें और वीडियोज तेजी से वायरल हो रही हैं। आटीआई एक्टिविस्ट, भारतीय हिंदू राष्ट्र सेना व भ्रष्टाचार विरोधी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित केशवदेव नामांकन के लिए ई-रिक्शा के अंदर नहीं बल्कि ऊपर पर बैठकर पहुँचे।

अलीगढ़ नगर निगम के 69 वार्ड से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पंडित केशवदेव अपने घर से एक ई-रिक्शा के ऊपर बैठकर कलेक्ट्री स्थित नामांकन केंद्र तक पहुंचे। रास्ते में जिसने भी इस प्रत्याशी को ई-रिक्शा के ऊपर बैठकर पर्चा भरने जाते हुए देखा, वह देखता ही रह गया। पंडित केशवदेव ने अपने समर्थकों के साथ पहुँचकर कलेक्ट्री के चकबंदी कार्यालय पर नामांकन केंद्र पर अपना नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया। पंडित केशवदेव ने अमर उजाला को बताया कि वार्ड की जनता ने चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया, अगर चुनाव जीतता हूँ तो नगर निगम से भ्रष्टाचार का सफाया करूँगा। वार्ड 69 के क्षेत्र को सौ फीसदी विकास ईमानदारी से किया जाएगा।

जूते की माला पहनकर, केशवदेव ने किया था प्रचार

 

पंडित केशवदेव एक आरटीआई एक्टिविस्ट हैं। वह भारतीय हिंदू राष्ट्र सेना व भ्रष्टाचार विरोधी सेना नामक संगठन भी चलाते हैं। वह दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में पंडित केशवदेव शहर विधानसभा सीट से विधायिकी का चुनाव लड़े। उसमें उन्हें जूता चुनाव चिन्ह मिला, तो उन्होंने पूरा प्रचार जूतों की माला पहनकर किया। चुनाव हारने के बाद उन्होंने एमएलसी का चुनाव लड़ना चाहा, पर प्रस्तावक न हो पाने के कारण नहीं लड़ पाये।

विवादों से रहा इनका पुराना नाता

पंडित केशवदेव भ्रष्टाचार का विरोध करने को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। ऊपर कोर्ट की मस्जिद और असदपुर क्याम में भाजपा जिला कार्यालय में गड़बड़ी का मुद्दा उठाने को लेकर भी पंडित केशवदेव चर्चा में बने रहे। 2018 में कनिका कपूर के नुमाइश में न आने को लेकर कोर्ट में मामला डाला था। नुमाइश  के सामने तहसील के बराबर पेट्रोल पंप की जमीन का आवंटन का मामला रखा था, अवैध महानगरों बसों का भ्रष्टाचार और भी कई मुद्दों को लेकर सुर्खियों में बने रहे हैं। पंडित केशवदेव ने एक आरटीआई एक्टिविस्ट कार्यकर्ता के रूप में शुरूआत की थी।

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