पिथौरागढ़: बीएड कुल्चे वाला ले आया पहाड़ में छोले-कुल्चे का स्वाद
पिथौरागढ़, अमृत विचार। एक तरफ जहां युवा एनडीए परीक्षा में अपना जलवा बिखेर रहे हैं। वहीं कई पहाड़ी युवा स्टार्टअप की दुनिया में भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। एक ऐसा ही उदाहरण उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से निकल के आ रहा है। जहां एक युवक ने बीएड कुल्चे वाले के नाम से वाह-वाही बटोर रहा है। बीएड कुल्चे वाला इस कारण भी मशहूर हुआ क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में छोले-कुल्चे मिलना मुश्किल है और बीएड कुल्चे वाले ने छोले-कुल्चे का स्वाद पहाड़ तक पहुंचाया है।

पिथौरागढ़ के निवासी प्रशांत द्वारा इस स्टार्टअप की शुरुआत की गयी। बातचीत के दौरान प्रशांत ने उत्तराखंड के युवा का दर्द बताते हुए कहा कि आजकल नौकरी के अवसर बहुत कम रह गए हैं। ऐसे में ज्यादातर युवा बेरोजगार रह जा रहे हैं। इसलिए उन्होंने आत्मनिर्भर बनने की ठानी और खुद का स्टार्टअप शुरू कर लिया। प्रशांत अपनी दुकान बीएड कुल्चे वाले के नाम से कुमौड़ बैंड पर लगाते हैं।
प्रशांत का कहना है कि वह पिथौरागढ़ में रहकर ही अपनी रोटी कमाना चाहते हैं। यहां प्राइवेट नौकरी के विकल्प कम रहते और ज्यादातर सब सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं। जिसकी वजह से सरकारी नौकरी की परीक्षा में काम्पिटिशन बड़ जाता है। हालांकि उनका कहना है कि स्टार्टअप शुरू करने में उनको बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और लोगों के ताने भी झेलने पड़े। लेकिन ये सब वे दरकिनार कर आगे बढ़ते गए।
लोगों को छोले-कुल्चे का स्वाद काफी पसंद आ रहा है। उनका कहना है कि प्रशांत काफी साफ-सफाई के साथ छोले-कुल्चे बनाते हैं। अक्सर पहाड़ी लोग पहाड़ से शहर जाते है रोजगार पाने के लिए जिस कारण पलायन की समस्या भी काफी बड़ गई थी। अगर युवा पहाड़ में रहकर ही रोजगार ढूंढेगा तो हमारे पहाड़ के गावं फिर कभी वीरान नहीं रहेंगे।
