Bareilly: डीपीओ कार्यालय नहीं दे रहा दस्तावेज, घोटाले की कैसे हो जांच?

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Published By Vikas Babu
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पूरी होने में नहीं आ रही बाल विकास परियोजना कार्यालयों में कागजों पर गाड़ियां दौड़ाकर लाखों के गोलमाल की जांच

बरेली, अमृत विचार। बाल विकास परियोजना कार्यालयों में कागजों पर किराए की गाड़िया दौड़ाकर लाखों रुपये के गोलमाल की जांच पूरी होने में नहीं आ रही है। सीडीओ ने इस मामले की जांच प्रोबेशन अधिकारी नीता अहिरवार को सौंपी थी, रिपोर्ट न मिलने पर एक रिमाइंडर भी भेजा जा चुका है लेकिन प्रोबेशन अधिकारी का कहना है कि परियोजना अधिकारी कार्यालय से उन्हें जरूरी दस्तावेज ही नहीं दिए जा रहे हैं। इसी कारण जांच पूरी नहीं हो पा रही है।

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में फर्जीवाड़ा कर सरकारी पैसा हजम करने का मामला अब हेकड़ी में फंस गया है। जिले के बाल विकास परियोजना कार्यालयों पर कागजों में किराए की गाड़ियां चलाकर हर महीने लाखों का गोलमाल करने का मामला अमृत विचार ने उठाया था।

प्रकरण शासन तक पहुंचने पर निदेशक ने पिछले महीने उपनिदेशक को बरेली भेजकर जांच कराई तो ब्लॉक आलमपुर जाफराबाद, फतेहगंज पश्चिमी के परियोजना कार्यालय में गोलमाल के प्रमाण मिले थे लेकिन इसके बावजूद शासन की ओर से आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

दूसरी ओर सीडीओ ने पहले इस मामले में प्रभारी डीपीओ का जवाबतलब किया। संतोषजनक जवाब न मिलने पर जिला प्रोबेशन अधिकारी नीता अहिरवार को जांच सौंप थी। उनसे फतेहगंज पूर्वी, पश्चिमी, बहेड़ी, शेरगढ़ समेत कई परियोजना कार्यालयों के रास्ते में टोल प्लाजा होने पर इसके रिकॉर्ड के आधार पर जांच रिपोर्ट देने को कहा था। निर्धारित समय बीतने के बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं मिली तो रिमांइडर भेजा गया, लेकिन इसके बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है।

पूर दस्तावेज मिले तभी निकलेगा नतीजा
जांच अधिकारी जिला प्रबोशन अधिकारी नीता अहिरवार ने बताया कि डीपीओ कार्यालय से गाड़ियों के नंबर, लॉग बुक, टोल प्लाजा की रसीदें समेत कई दस्तावेज मांगे गए थे लेकिन अब तक पूरे दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इसी वजह से जांच लंबित है। उन्होंने बताया कि फतेहगंज पश्चिमी, भोजीपुरा टोल प्लाजा के प्रबंधकों से भी संपर्क कर वाहनों का ब्योरा लिया जाएगा। इन रूटों पर पड़ने वाले परियोजना कार्यालय पर तैनात सीडीपीओ/प्रभारी सीडीपीओ के बयान लिए जाएंगे। तभी कुछ नतीजा निकल सकेगा।

जांच के बीच ही कर दिया भुगतान
इस गोलमाल की पुष्टि लखनऊ से पहुंचीं उपनिदेशक की जांच में 30 मार्च को हो गई थी। इसकी जानकारी होने पर भी स्थानीय अधिकारियों ने संज्ञान नहीं लिया है। सूत्रों के अनुसार बाबुओं ने साठगांठ कर सभी गाड़ियों का भुगतान कर दिया जबकि मामले की जांच चल रही है। उपनिदेशक सत्यवती सरोज अपनी जांच रिपोर्ट निदेशक को सौंप चुकी है। गोलमाल सामने आने के बाद भी भुगतान कैसे कर दिया गया, अब इसकी भी जांच कराए जाने की बात कही जा रही है।

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