Cyber Fraud : अब साइबर अपराध के ग्राफ में आएगी कमी, मोबाइल व आईएमईआई नंबरों को किया जाएगा बंद, ले पूरी जानकारी

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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साइबर ठगों पर नकेल कसेगी दिल्ली की संस्था।

साइबर ठगों पर दिल्ली की संस्था नकेल कसेगी। साइबर क्राइम थानों से ठगी करने वाले नंबरों की सूची भेजी जाएगी। मोबाइल नंबर व आईएमईआई नंबरों को बंद कर ठगों का जाल तोड़ा जाएगा।

कानपुर, अमृत विचार। साइबर क्राइम की एक संस्था ने साइबर ठगों पर नकेल कसने के लिए नई पहल शुरु की है। संस्था के माध्यम से साइबर अपराधियों की कमर तोड़ने का काम किया जाएगा, जिससे साइबर अपराध के बढ़ते ग्राफ को कम करने का संस्था के द्वारा प्रयास किया जा रहा है। साइबर थानों के माध्यम से अपराधियों के मोबाइल नंबरों व आईएमईआई नंबरों की सूची संस्था को भेजी जाएगी। संस्था इन नंबरों को हमेशा के लिए ब्लॉक कर साइबर अपराध के जाल को तोड़ने का प्रयास करेगी।

दिन-प्रतिदिन साइबर अपराध के बढ़ते ग्राफ को कम करने के लिए साइबर क्राइम पुलिस ने एक नई संस्था आई.फोर.सी का गठन किया है। दिल्ली में स्थापित संस्था का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराध की कमर तोड़ना है। साइबर अपराध में प्रयोग किए गए मोबाइल नंबर व उनके आईएमईआई नंबर साइबर थानों के माध्यम से साइबर क्राइम हेडक्वाटर लखनऊ भेजे जाएंगें।

लखनऊ हेडक्वाटर से अपराध में प्रयोग किए गए मोबाइल नंबर व आईएमईआई नंबर केंद्र सरकार की इस संस्था को प्रेषित किए जाएंगे। आई.फोर.सी संस्था के माध्यम से इन नंबरों को हमेशा के लिए ब्लॉक किया जाएगा, जिससे इन नंबरों के माध्यम से लोग ठगी का शिकार होने से बच सकें।

साइबर क्राइम प्रभारी हरमीत सिंह के मुताबिक साइबर अपराध के दर्ज मुकदमों में प्रयोग किए गए नंबरों को ट्रेस कर इसके साथ अपराध में संलिप्त अन्य डिवाइस को एकत्र करके संस्था को भेजा जाएगा, जिससे अपराध में प्रयोग की गई डिवाइस दोबारा इस्तेमाल नहीं की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि इस पहल के माध्यम से साइबर अपराध को नष्ट करने का प्रयास किया जाएगा। 

टू स्टेप वेरीफिकेशन के प्रयोग से बचा सकेंगे सोशल साइट्स की हैकिंग को

फेसबुक, वाट्सएप, टेलीग्राम, ट्वीटर, इंस्टाग्राम जैसी सोशल साइट्स का प्रयोग करने वाले लोगों को अगर अपनी साइट्स को हैकिंग से बचाना है तो इसके लिए उनको टू स्टेप वैरीफिकेशन का प्रयोग करना होगा। इसके प्रयोग पर सोशल साइट्स पर मौजूद आपकी फोटो, वीडियो का प्रयोग साइबर अपराधी नही कर सकेंगें। सोशल साइट्स में टू स्टेप वेरीफिकेशन में फोन सेटिंग के माध्यम से एक पिन डाला जाता है। इस पिन का प्रयोग करने पर किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा सोशल साइट्स के लॉग इन करने आथेंटिक पिन मांगा जाता है। आथेंटिक पिन का न होने पर बाहरी व्यक्ति इसका प्रयोग नही कर सकेगा। जिससे सोशल साइट्स को हैक होने से बचाया जा सकता है।

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