बरेली: कम अंक आने पर बच्चे को न करें हतोत्साहित, बढ़ाएं मनोबल...अभिभावक इन बातों का रखें ध्यान

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार। यूपी बोर्ड का हाईस्कूल और इंटर का परीक्षा परिणाम मंगलवार को जारी कर दिया गया। परिणाम आते ही अच्छे अंक प्राप्त करने वाले बच्चों के चेहरे पर चमक आई तो बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे मायूस नजर आए, जिन्होंने कम अंक पाए या फेल हो गए। ऐसे बच्चों के अभिभावक उनकी असफलता पर तंज कसते हैं।

कई बार तो डर के चलते बच्चे आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। मनोचिकित्सक की सलाह है कि अभिभावकों को ऐसे छात्र-छात्राओं को हतोत्साहित न कर मनोबल बढ़ाएं। उन्हें बताना चाहिए कि एक बार असफल होने का मतलब यह बिल्कुल नहीं होता है कि उनका कैरियर अब खत्म हो गया है। अगले पड़ाव पर मेहनत और लगन से सफलता जरूरी मिलेगी।

अभिभावक इन बातों का रखें ध्यान
परीक्षा परिणाम को लेकर तर्क वितर्क कदापि न करें, कम नंबर आने पर छात्र को डांटे नहीं और न ही किसी अन्य विद्यार्थी से तुलना करें, फेल होने पर विद्यार्थी को विश्वास में लेकर समझाएं, बच्चे को बताएं कि असफलता से सबक लेकर अगली बार अच्छे अंक लाने का संकल्प लें, विद्यार्थी के व्यवहार में होने वाले बदलाव पर नजर रखें।

बच्चे की चाह को दें प्राथमिकता, मन कक्ष में कराएं बुद्धिमता की जांच
जिला अस्पताल स्थित मन कक्ष के मनो चिकित्सक डा. आशीष के अनुसार परीक्षा परिणाम के बाद कम अंक आने या फिर फेल होने पर अगर अभिभावक फटकार लगाते हैं तो इससे बच्चे की मनोदशा पर गंभीर असर पड़ता है। बच्चे परिजनों के दबाव में आकर परिजनों के मर्जी से सब्जेक्ट का चुनाव कर लेते हैं फिर उनका मन उसकी तैयारी में नहीं लगता। बच्चे की चाह जरूर पूछें, वहीं अब मन कक्ष आकर बच्चे की बुद्धिमता की जांच भी करा सकते हैं। यहां बेस 4 और एक्जिक्यूटिव फंक्शन जांच से बच्चे के मन की चाह का काफी हद तक पता लग जाता है।

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