मुरादाबाद : दो दर्जन ग्राम पंचायतों के प्रधान और सचिवों काे नोटिस

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Published By Bhawna
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विकास कार्यों के अभिलेखों के सत्यापन के दौरान ऑडिट टीमों ने पकड़ी 50 लाख की गड़बड़ी

मुरादाबाद, अमृत विचार। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने जनपद की 24 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान और पंचायत सचिवों को नोटिस जारी किया है। इन ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के सत्यापन और ऑडिट के दौरान बिल वाउचरों में गड़बड़ी पाई गईं थीं। जिलाधिकारी ने संबंधित ग्राम प्रधान और पंचायत सचिवों से तीन दिन के भीतर साक्ष्यों के साथ जवाब देने को कहा है। जवाब संतोषजनक ने मिलने पर गबन की गई धनराशि की रिकवरी की चेतावनी दी है। 

वित्तीय वर्ष 2015-16 के विकास कार्यों का जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समिति एवं पंचायत की अगुवाई में ऑडिटर ने 24 ग्राम पंचायतों के अभिलेखों का ऑडिट किया था। अभिलेखों में विभिन्न मदों पर खर्च की गई धनराशि के बिल वाउचर की पुष्टि नहीं हो पाई हैं। जिसमें जिला लेखा अधिकारी की रिपोर्ट पर जिला अधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने सभी ग्राम पंचायतों में लाखों की धनराशि के हेरफेर के मामले में संबंधित ग्राम प्रधान और पंचायत सचिवों को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर साक्ष्यों सहित स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं।

 जिलाधिकारी की ओर से 24 ग्राम पंचायतों के प्रधान और सचिवों को नोटिस जारी किया है। इसमें तीन दिन के भीतर साक्ष्य नहीं देने वाले ग्राम प्रधान और सचिवों पर कार्रवाई होना तय है। साक्ष्य न देने पर गबन की गई करीब 50 लाख की धनराशि की संबंधित ग्राम प्रधान और पंचायत सचिवों से  रिकवरी की जाएगी। -अभय कुमार यादव, जिला पंचायत राज अधिकारी

विभाग के पास नहीं एनीमिया पीड़ित किशोरियों के आंकड़े
मुरादाबाद। महिला बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के कुपोषण दूर करने के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं। विभाग के पास एनिमिया की शिकार किशोरियों की संख्या ही नहीं है। जबकि सरकार दवा और एनीमिया की जांच के लिए उपकरण उपलब्ध करा रही है। जनपद में दो महीने पहले एनीमिया पीड़ित किशोरियों की संख्या में 885 की बढ़ोतरी होने के बाद यह संख्या 5915 हो गई थी। इसके बाद विभाग के पास एनीमिया पीड़ितों का कोई ताजा आंकड़ा नहीं है। इससे विभाग की संजीदगी का अंदाजा लगाया जा सकता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुपमा शांडिल्य का दावा है कि विभाग की ओर से एनीमिया पीड़ित किशोरियों को 90 दिन के लिए आयरन की टेबलेट खाने को दी जा रही हैं। बेहतर खान-पान के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एनीमिया की जांच को नगर विधायक रितेश गुप्ता और एमएलसी गोपाल अंजान ने चार डिवाइसें दी हैं। डीपीओ ने बताया कि जिन किशोरियों में पहले एनीमिया की मात्रा 56.57 प्रतिशत पाई गई थी वह अब घटकर 33 प्रतिशत रह गई है।

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