अमेठी: किसान से रिश्वत लेने का लेखपाल का ऑडियो वायरल, पहले भी लगते रहे हैं आरोप

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Published By Jagat Mishra
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अमृत विचार, अमेठी। फुरसतगंज की ग्राम पंचायत किशुनपुर केवई में तैनात लेखपाल जितेंद्र यादव पर आरोप है कि उसने हकबरारी आदेश के बाद किसान से जमीन की पैमाइश से संबंध में रुपये मांगे थे। तीन बार में 36 हजार रुपये देने के बाद भी डिमांड कम नहीं हुई तो इससे किसान काफी परेशान था। किसान ने लेखपाल को रुपये देने व और रुपये की पेशकश करने का ऑडियो बना कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। हालांकि अमृत विचार सोशल मीडिया पर वायरल इस ऑडियो क्लिप की पुष्टि नहीं करता है।  

तिलोई तहसील क्षेत्र के गांव किशुनपुर केवई में लेखपाल को एक किसान से रिश्वत लेने व और रुपये मांगने का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। तहसील क्षेत्र में कुछ समय से राजस्व कर्मचारियों द्वारा किसानों से उनके काम के बदले वसूली के आरोप लगते आ रहे हैं। लेकिन कोई खास प्रमाण न होने पर राजस्व अधिकारी कर्मचारियों पर  अधिकार कार्रवाई करने से परहेज करते हैं। फुरसतगंज क्षेत्र अंतर्गत गांव किशुनपुर केवई में तैनात लेखपाल जितेंद्र यादव पर आरोप है कि उसने किसान से जमीन की पैमाइश से संबंध में रुपये मांगे थे। किसान ने लेखपाल द्वारा मांगे गए रुपये को तीन किस्तों में 36 हजार रुपये दे भी दिए। लेकिन आए दिन अधिकारियों के नाम पर लेखपाल की डिमांड बढ़ती गई तो इससे किसान काफी परेशान होने लगा। परेशान किसान ने लेखपाल को पहले दे दिए गए रुपये का बातचीत करने के दौरान ऑडियो बना कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। ऑडियो वायरल होते ही राजस्व विभाग की जमकर किरकिरी हो रही है। 

इस संबंध में पीड़ित राजेश ने बताया कि छह जनवरी 2022 को किशुनपुर केवई के रहने वाले मो.लतीफ, मो. सैय्यद पुत्रगण मो.वशीर व साबिरा बेगम पत्नी मो. वशीर से दो बीघे छह बिस्वा जमीन उनके हिस्से की 11 लाख 50 हजार रुपये में बैनामा अपनी पत्नी सबिता के नाम लिया था। बैनामा लेने के कुछ दिन बाद दाखिल खारिज भी हो गया था। लेकिन जमीन बेचने वालों के सहखातेदार मो. लतीफ ने तहसीलदार के यहां 29 अगस्त को 2022 को फर्जी अभिलेख जमाकर वाद दायर कर आपत्ति की थी। दोनों पक्षों से वाद में दाखिल साक्ष्यों को देखने के बाद 22 अक्टूबर को वाद निरस्त कर पहले से हुए दाखिल खारिज के सही मानते हुए आदेश पारित कर दिया था। दिसम्बर 2022 को राजेश ने अपनी पत्नी के नाम दर्ज जमीन की हकबरारी का आदेश पारित करा लिया। अभिलेखों में नाम सही कराने व कब्जेदारी दिलाने के नाम पर हल्का लेखपाल जितेंद्र यादव ने राजेश से कई किस्तों में पैसे लिए। 

अभिलेखों में नाम तो सही हो गया लेकिन कब्जा दिलाने के नाम पर अभी भी पैसे की डिमांड कर रहे है। इससे अजीज होकर किसान ने उनके पैसे की डिमांड को ऑडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। जिससे राजस्व विभाग की जमकर किरकिरी हो रही है। हालांकि वायरल ऑडियो के बारे में लेखपाल जितेंद्र यादव ने कहा कि सब फर्जी है। जबकि एक क़िस्त में मिले 15 हजार रुपये में दो नोट फटे होने के जिक्र लेखपाल द्वारा वायरल ऑडियो में किया जा रहा है।

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