बरेली: 8711 किसानों के फसलों के नुकसान की होगी भरपाई

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Published By Om Parkash chaubey
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बारिश और ओलावृष्टि से 1441 हेक्टेयर फसल को मार्च में पहुंचा था नुकसान, ढाई करोड़ रुपये शासन से मिलने के बाद अब खातों में भेजने की प्रक्रिया भी शुरू

बरेली, अमृत विचार: बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का ढाई करोड़ रुपये का मुआवजा शासन ने भेज दिया है। इससे 8711 किसानों को लाभान्वित हुए हैं। किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया प्रशासन ने शुरू कर दी है। मार्च में तेज बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं के साथ ही सब्जी समेत कई अन्य फसलें बर्बाद हो गई थीं।

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बरेली में कृषि और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने इसका सर्वे किया था। जिसमें 1441 हेक्टेयर फसल को नुकसान होने का पता चला था। सर्वाधिक नुकसान मीरगंज और नवाबगंज तहसील में हुआ था। सभी तहसीलों से मिली रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने राहत आयुक्त को रिपोर्ट भेजकर किसानों को मुआवजा देने के लिए ढाई करोड़ रुपये की डिमांड की थी।

शासन ने मुआवजा भेज दिया। जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि सर्वे के दौरान ही किसानों के बैंक खाता नंबर समेत सभी जानकारी जुटा ली गई थी। किसानों के बैंक खातों में मुआवजा भेजने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि रबी फसलों में अकेले गेहूं का रकबा ही करीब दो लाख हेक्टेयर था। सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं को पहुंचा था।

मानक के फेर में फंसे किसानों को मुआवजा नहीं: बारिश से फसलों को नुकसान होने के बावजूद जिले में बड़ी संख्या में किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। ऐसा नियमों के कारण हुआ है।

बीमा कंपनी के प्रतिनिधि बताते हैं कि अगर फसल का बीमा नहीं है और दैवीय आपदा से नुकसान हुआ है तो 33 फीसदी अधिक नुकसान पर ही मुआवजा देने का प्रावधान है। सर्वे के दौरान 33 फीसदी से कम नुकसान वाले किसानों को मुआवजा सूची में शामिल नहीं किया गया। ऐसे किसानों की संख्या करीब एक हजार बताई जा रही है।

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