UP Nikay Chunav 2023 : भदरसा नगर पंचायत पर अधिकतर रहा राशिद परिवार का दबदबा

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Published By Jagat Mishra
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चार बार मोहम्मद अहमद तो पत्नी व पुत्र एक - एक बार रहे चेयरमैन

पूराबाजार/ अयोध्या, अमृत विचार। भरतकुंड भदरसा नगर पंचायत पर अधिकतर एक ही परिवार का दबदबा रहा है। यहां नगर पंचायत के सृजन से लेकर अब तक नगर पंचायत की चेयरमैनी इसी परिवार के इर्द-गिर्द रही। इस बार भी पूर्व चेयरमैन के पुत्र मोहम्मद राशिद मैदान में डटे हुए हैं। जीत को लेकर वह दिन रात क्षेत्र में मतदाताओं के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। 
  
नगर पंचायत के चुनावी नतीजों को देखा जाए तो यहां से पूर्व चेयरमैन स्वर्गीय मोहम्मद अहमद 1971 से 1976 तक कांग्रेस के टिकट के चुनाव लड़ कर चेयरमैन रहे। उसके बाद उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और निर्दलीय चुनाव लड़ कर 1997 से 2002 तक नगर पंचायत पर अपनी कब्जेदारी बरकरार रखी। उसके बाद समाजवादी पार्टी में शामिल हुए तो 2007 से 2012 तक पद पर बरकरार रहे। 2015 में उनके निधन के बाद उप चुनाव हुआ तो पुत्र मोहम्मद राशिद ने विजयश्री हासिल की। 2017 के चुनाव में सीट पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हुई। स्व. मोहम्मद अहमद के परिवार के दबदबे को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने बुला कर टिकट दिया। जिसपर परिवार ने स्वर्गीय मोहम्मद अहमद की धर्मपत्नी रेहाना बेगम को मैदान में उतारा। रेहाना बेगम ने जीत दर्ज कराते हुए नगर पंचायत की यह सीट समाजवादी पार्टी को तोहफे के रूप में दी। अब इस बार के चुनाव में फिर उनके पुत्र बतौर सपा प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं। पिछले चुनावों के नतीजों के ट्रैक रेकार्ड देखा जाए तो मोहम्मद राशिद मजबूती के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। 

भरतकुंड - भदरसा नगर पंचायत में भाजपा अब तक केवल एक बार 1989 में ही चुनाव जीत पाई। उसके बाद से आज तक उसे जीत का स्वाद चखने को नहीं मिला। जबकि बहुजन समाज पार्टी भी केवल 2002 में ही जीत हासिल कर सकी। 1989 में भाजपा के सुरेंद्र देव तो 2002 में बसपा के राम बोध सोनी चेयरमैन रहे। नए परिसीमन के बाद दस गांव शामिल होने पर भाजपा बसपा इसे मुफीद मान रही है। इस बार यहां 29035 मतदाता अध्यक्ष पद के छह और सदस्य पद के 90 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेगें।

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