बरेली: बुजुर्गों में दिखा मतदान का जबर्दस्त जोश, चलने में असमर्थ होने के बावजूद पहुंचे वोट डालने
कई बुजुर्गों ने हिंदुत्व और राममंदिर के नाम पर किया मतदान
बरेली, अमृत विचार : युवाओं और वयस्कों ने भले ही मतदान करने में ज्यादा दिलचस्पी न ली हो, लेकिन बुजुर्गों का जोश देखने लायक था। काफी कमजोर और चलने में असमर्थ होने के बावजूद तमाम बुजुर्गों ने जैसे-तैसे पोलिंग बूथ पर पहुंचकर मतदान किया। कई बुजुर्गों को उनके परिवार के लोग सहारा देकर पोलिंग बूथों तक वोट डलवाने ले गए।
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रामपुर बाग में मतदान कर पोलिंग बूथ से लौट रही 78 साल की मिथिलेश मिश्रा ने बताया कि उन्होंने पहला वोट 21 साल की उम्र में दिया था, उसके बाद से लगातार मतदान करती आ रही हैं। एक बार भी यह मौका नहीं छोड़ा। बोलीं, मौजूदा दौर की राजनीति जनता की सुख-सुविधाओं के लिए की जा रही है। पहले धन और बल की राजनीति होती थी। अब भी कुछ हद तक ऐसा है, लेकिन पहले से बहुत कम हो चुका है।
अब लोग स्वतंत्रता से मताधिकार का प्रयोग कर पाते हैं, लेकिन तीन-चार दशक पहले हालात ऐसे नहीं थे। सदर तहसील मतदान केंद्र से मतदान करके निकले 73 साल के विनय गुप्ता ने कहा कि पहले और अब की राजनीति में बहुत बदलाव देखने को मिल रहा है। पहले हिंसा और विवाद की घटनाएं काफी होती थी, अब रोक लगी है। उन्होंने ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह रोकने की वकालत करते हुए कहा कि सरकार सही काम कर रही है।
मौजूदा राजनीतिक हालात में कोई विकल्प लोगों के सामने नहीं है। 83 साल के जगदीश शर्मा ने कहा कि उन्होंने हिंदुत्व के लिए वोट दिया है। बोले, हर सरकार अपना हित साधती है। 18 साल की उम्र में पहला वोट दिया था, तब से हर दौर की राजनीति देखी है। मौजूदा दौर की राजनीति बाकी कुछ हुआ हो या न हुआ हो, लेकिन हिंदुत्व को बढ़ावा जरूर मिला है। राम मंदिर बनना बड़े गर्व की बात है।
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