बरेली: मतदान केंद्र की दूरी ने मतदाताओं को घरों में रहने को किया मजबूर

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Published By Om Parkash chaubey
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नगर निगम के शहरी मतदाता नगर पालिका और पंचायतों के वोटरों से रहे पीछे, कई बूथों पर मतदाता पहुंचे लेकिन सूची में नाम न देख मायूस होकर लौट आए

बरेली, अमृत विचार : एक बार फिर नगर पालिका और पंचायतों के वोटर मतदान में आगे रहे, जबकि नगर निगम के शहरी मतदाता पीछे रहे। जबकि शहर में ही सबसे अधिक शिक्षित वर्ग के लोग रहते हैं, जो वोट डालने के लिए घरों से ही नहीं निकले। इसके अलावा मतदान केंद्र दूर होने की वजह से लोगों ने वोट डालने से दूरी बना ली। जो लोग घरों से वोट डालने के लिए निकले तो उनके नाम वोटर लिस्ट से गायब थे।

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सुबह मतदान केंद्रों पर मतदाताओं में उत्साह देखने को मिला। मतदान केंद्र पर लाइन देखने को मिल रही थी लेकिन कुछ देर में ही यह लाइन गायब होने लगी क्योंकि कई लोग मतदान केंद्र तक आए लेकिन वहां लिस्ट में नाम नहीं देख कर भला-बुरा कहते हुए वापस चले गए। दोपहर में धूप चढ़ी तो दूर के मतदान केंद्रों के लिए प्रत्याशियों ने ई-रिक्शा के इंतजाम किए।

लगभग 9 बजे तक कई वार्ड में वोटर को मतदान केंद्र तक लाने के लिए ई रिक्शा का प्रयोग होने लगा था। वार्ड 10 में वीर सावरकर नगर के लोगों का वोट लगभग 4 किलोमीटर दूर जिंगल्स बेल्स स्कूल में पड़ा। गायत्री पुरी में रहने वाले राम अवतार के परिवार का वोट ही नहीं बना था। सुबह वोटर कार्ड लेकर बूथ पर पहुंचे तो वोट नहीं बनने की बात पता चली।

परिवार में 5 वोट हैं लेकिन नहीं पड़ पाए। हजियापुर वार्ड के वोट 2.5 किलोमीटर दूर सैंट फ्रांसिस में वोट डालने की व्यवस्था की गई थी। कई लोगों में मतदान के प्रति उत्साह रहा, कई लोग पैदल ही वोट डालने के लिए पहुंच गए।

दोपहर तक सड़क पर ई रिक्शा की संख्या ज्यादा दिखी तो प्रशासन ने सख्ती की। इससे प्रत्याशियों के समर्थकों ने अफसरों से मतदान केंद्र दूर होने का हवाला दिया। इसके बाद वाहनों की संख्या में कमी आई। राजेंद्र नगर,आवास विकास गांधीनगर आदि वार्डों में भी ई रिक्शा दौड़े और वोटरों को मतदान केंद्र तक लाए।

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