लखनऊ: महिला डॉक्टर ने दर्ज कराई दहेज उत्पीड़न की रिपोर्ट, गर्भावस्था के दौरान ईएनटी सर्जन से शौहर ने की मारपीट

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Published By Deepak Mishra
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बेटी के जन्म के बाद पत्नी को मारपीट कर घर से निकाला

लखनऊ। समाज चाहे जितनी भी तरक्की कर ले लेकिन अभी भी दहेज प्रथा समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। अपराध की श्रेणी में होने के बावजूद दहेज प्रथा बंद नहीं हुई बल्कि समाज में इसका चलन और ज्यादा बढ़ गया है। शनिवार को दहेज प्रथा से जुड़े दो मामले सामने आए हैं। जहां महिला डॉक्टर को गर्भावस्था के दौरान प्रताड़न झेलनी पड़ी। तो वहीं बेटी के जन्म लेने पर एक महिला को मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। दहेज पीड़िताओं की लिखित शिकायत पर बीबीडी और महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज की है। 

बीबीडी थानाक्षेत्र अन्तर्गत ग्रीन सिटी निवासिनी सायमा अजीम बाराबंकी के जिला अस्पताल में ईएनटी सर्जन है। उनका निकाह वर्ष 2018 में तमिलानाडू के वेल्लूर जनपद रानीपेट थानाक्षेत्र अन्तर्गत टाइगर स्ट्रीट रानी निवासी अब्दुल समद से हुआ था। वर्ष 2019 में उनकी नियुक्ति लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल में हुई तो वह शौहर के संग लखनऊ आ गई। सायमा का आरोप है कि गर्भावस्था के दौरान शौहर 50 लाख रुपये की मांग को लेकर प्रताड़ित करने लगा।

गत 31 जनवरी को पीड़िता अस्पताल की ओपीडी से लौटी तो शौहर घर का सारा सामान लेकर कहीं जा चुका था। इसके बाद पीड़िता ने फोन पर संपर्क किया तो वह जान से मारने की धमकी देने लगा। प्रभारी निरीक्षक विनय कुमार सरोज ने बताया कि तहरीर के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

वहीं ठाकुरगंज थानाक्षेत्र अन्तर्गत सतखंडा निवासिनी शैला ने शौहर समेत सात परिवारिक सदस्यों के खिलाफ महिला थाने में लिखित शिकायत देते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है। पीड़िता का कहना है कि वर्ष 2022 में उनसे एक बेटी को जन्म दिया। इसके बाद ससुराल पक्ष के लोगों ने उसे प्रताड़ित कर बेटी के संग घर से निकाल दिया है। प्रभारी निरीक्षक दुर्गावती ने बताया कि मामले की गहनता से जांच कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

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