सेवा विवाद : भाजपा ने केंद्र के अध्यादेश को दिल्ली की गरिमा बनाए रखने के बताया लिए आवश्यक

सेवा विवाद : भाजपा ने केंद्र के अध्यादेश को दिल्ली की गरिमा बनाए रखने के बताया लिए आवश्यक

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली में नौकरशाहों के तबादलों और तैनाती से जुड़े केंद्र सरकार के अध्यादेश का शनिवार को स्वागत करते हुए आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार सेवा मामलों पर उच्चतम न्यायालय के हाल के फैसले की आड़ में अधिकारियों को ‘‘डरा-धमका’’ रही है और अपनी शक्तियों का ‘‘दुरुपयोग’’ कर रही है।

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भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली की गरिमा बनाए रखने और लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए यह अध्यादेश आवश्यक है। केंद्र सरकार ने ‘दानिक्स’ काडर के ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ गठित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी किया था।

गौरतलब है कि अध्यादेश जारी किए जाने से महज एक सप्ताह पहले ही उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था। सचदेवा ने कहा, ‘‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है और यहां जो भी होता है, उसका देश तथा पूरी दुनिया में असर होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप (दिल्ली सरकार) उच्चतम न्यायालय के फैसले की आड़ में गुंडागर्दी और अधिकारियों को डराने-धमकाने पर उतारू हो जाएंगे?’’ भाजपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी मूक दर्शक नहीं बनी रहेगी।

सचदेवा ने आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के तुरंत बाद केजरीवाल सरकार ने उसके ‘घोटालों और भ्रष्टाचार’ की जांच से जुड़ी फाइलें सतर्कता विभाग से ‘छीननी’ शुरू कर दीं। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सचिवालय में सतर्कता अधिकारी के कमरे का ताला तोड़ा गया और आबकारी ‘घोटाले’, मुख्यमंत्री के आवास की मरम्मत और फीडबैक इकाई की जांच से जुड़ी फाइलों की फोटोकॉपी की गई।

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