लखनऊ : एलयू में महाविद्यालयों के शिक्षकों ने डाला डेरा
अमृत विचार, लखनऊ । अपनी मांगों को लेकर अड़े लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने अब विश्वविद्यालय में डेरा डाल दिया है। महाविद्यालय शिक्षक महासंघ ( लुआक्टा ) के नेतृत्व में काफी संख्या में शिक्षक जिलों से भी लखनऊ विश्वविद्यालय पहुंचे हुए हैं। शिक्षकों की मांग है कि जब तक कुलपति की ओर से उनकी संतोषजनक वार्ता नहीं हो जाती है वह धरना समाप्त नहीं करेंगे। शिक्षकों ने रात में भी प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। वहीं रजिस्ट्रार संजय मेधावी भी शिक्षकों के आक्रोश को देखकर प्रशासनिक भवन के पीछे से निकल गये। हालांकि शिक्षकों ने दोपहर से धरना शुरू किया था लेकिन शाम होते-होते जब वार्ता नहीं हो सकी तो मांगे पूरी होने तक धरना जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
इससे पहले शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के गेट नंबर एक पर सरस्वती वाटिका पर धरना दिया। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से शिक्षकों की उचित मांगों को लेकर किसी प्रकार से सकारात्मक बातचीत नहीं हो पाई। इस धरने में राजधानी सहित हरदोई सीतापुर लखीमपुर रायबरेली से भी बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हैं। शिक्षकों का कहना है कि पूर्व में कुलपति संग हुई वार्ता में सहमति होने के बाद भी विश्वविद्यालय के अधिकारियों की ओर से ध्यान न दिए जाने से शिक्षकों में काफी नाराजगी दिखी। शिक्षकों ने धरना स्थल पर एकजुटता दिखाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के कतिपय अधिकारी शिक्षकों की समस्याओं और उनकी मांगों को न केवल अनदेखा कर रहे हैं बल्कि एक तरह से अपमानित भी कर रहे हैं।
शिक्षकों की ये हैं मांगे
- यूजीसी नियमानुसार ग्रीष्मवकाश अवकाश मिले
- अर्थशास्त्र विभाग की मनमानी का विरोध
- क्रीड़ा परिषद का लोकतांत्रिक गठन व नियमावली बने
- अकादमिक कमेटियों में महाविद्यालय के आचार्य भी शामिल हो
- परीक्षा संबंधित भुगतान समय पर हो
- प्रतिकर अवकाश का परिभाषित न किया जाना
- शिक्षकों के आवास और यात्रा व्यय दिया जाये।
- शिक्षक कल्याण कोष में चारों जिले जुड़ने के बाद अनुपात का पालन हो
- परिक्षा केंद्र बनाने में नियमों का पालन हो
- प्रत्येक गतिविधियों में महाविद्यालयों के अर्थिक शोषण का विरोध
- मूल्यांकन कार्य सम्पादित करने हेतु आवास का निर्माण
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